वैसे, आजादी के बाद से लेकर अब तक राज्यसभा में हमेशा कांग्रेस की बादशाहत रही है। राज्यसभा के सभापति और उपसभापति पद पर सात दशकों के कुछ काल को छोड़ दें तो कांग्रेस पार्टी का ही कब्जा रहा है। यही वजह है कि गठबंधन के दौर में सत्ता से दूर होने के बाद भी कांग्रेस सरकार को अहम मसलों पर पंगु बनाए रखने में सफल होती रही है। लेकिन इस बार उपसभापति पद पर सर्वसम्मति की बात न मानकर कांग्रेस ने बहुत बड़ी भूल कर दी है। मतदान से ठीक पहले मोदी-शाह-नीतीश की तिगड़ी के कमाल से आज राज्यसभा में कांग्रेस का दबदबा समाप्त कर दिया है।
भुलावे में रही कांग्रेस अभी तक इन तिगडि़यों ने अपना पत्ता नहीं खोला था लेकिन इन लोगों ने उपसभापति पद पर चुनाव को लेकर रणनीति पहले तैयार कर ली थी। इस योजना के तहत एनडीए ने कांग्रेस से पहले अपने प्रत्याशी की घोषणा कर दी। साथ ही कांग्रेस बीजेडी से समर्थन मांगती उससे पहले नीतीश और पीएम मोदी ने सीएम नवीन पटनायक को फोन मिलकार अपने पक्ष्ा में कर लिया। साथ ही शिव सेना, वाईएसआर, टीआरएस, इनेलोद आदि को भी अपने पक्ष में कर लिया। जबकि कांग्रेस इस बात को लेकर आश्वस्त थी जेडीयू को छोड़कर बाकी सभी लोग महागठबंधन उम्मीदवार के पक्ष में वोट करेंगे।
लेकिन नीतीश और पीएम मोदी के फोन ने सारा खेल बिगाड़ दिया और बीजेडी के नौ सांसदों का समर्थन मिलते ही हरिवंश सिंह की जीत तय हो गई। इस तरह से बीजेडी ने उपसभापति के चुनाव में किंग मेकर की भूमिका निभा दी। समाजवादी पार्टी ने भी बयान दिया है कि अगर आम राय बनती तो बेहतर होता। यानी सपा भी कांग्रेस के पक्ष में मन से नहीं है। राहुल गांधी की ओर से अरविंद केजरीवाल को फोन न करने की वजह से आप ने भी वोटिंग से बाहर रहने का का फैसला किया है जिससे एनडीए उम्मीदवार की जीत मतदान से पहले ही पक्की हो गई।
पीएसी में जीत से कांग्रेस ने खो दिया था होश
दरअसल, सोमवार को राज्यसभा में उपसभापति के चुनाव की घोषणा के साथ ही पब्लिक अकाउंट समिति (पीएसी) के लिए राज्यसभा से सदस्यों का चुनाव हुआ था। इसमें विपक्ष की रणनीति ने सरकार को चौंका दिया था। कांग्रेस के समर्थन से टीडीपी के सीएम रमेश को सबसे ज्यादा 110 वोट मिले थे। वहीं भाजपा के सांसद भूपेन्द्र यादव को 69 वोट मिले । इस घटना के बाद कांग्रेस को यह भ्रम हो गया कि उपसभापति के चुनाव में यही समीकरण काम करेगा और वो निश्चिंत हो गई। उसकी इसी निश्चिंतता ने कांग्रेस का काम तमाम कर दिया।
विरोध के लिए कराया चुनाव
आपको बता दें कि कुछ देर पहले राज्यसभा के उपसभापति पद के लिए आज मतदान शुरू हो गया था। सत्तापक्ष की तरफ से यानी एनडीए के उम्मीदवार जेडीयू सांसद हरिवंश सिंह हैं। विपक्ष की ओर से कांग्रेस के बीके हरिप्रसाद हैं। एनडीए बहुमत से कम आंकड़े के बाद भी पलड़ा भारी नजर आ रहा है। विपक्ष के सभी दलों को मिलाकर बहुमत के लिए पर्याप्त सीटे होने के बावजूद कांग्रेस का समीकरण बिगड़ता नजर आ रहा है। मतदान शुरू होने से पहले ही कांग्रेस मैदान से बाहर हो चुकी है।