आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि महिलाएं संघ का विभिन्न गतिविधियों में सक्रिय सहयोग कर रही हैं। समाज के कल्याण में उन्हें शामिल करने के लिए एक समानांतर संगठन की स्थापना की गई है। संघ केवल संन्यासियों का नहीं है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के ऐसे भी स्वयंसेवक हैं जो विवाहित हैं और उनकी पत्नी एवं माता सक्रिय रूप से संघ की गतिविधियों में सहयोग करती हैं। उन्होंने कहा कि महिलाएं भी संघ के कार्य में सक्रिय रूप से योगदान करती हैं और महिलाओं के लिए एक समानांतर संगठन, राष्ट्र सेविका समिति है जो कि समाज के कल्याण के लिए संघ की विचारधारा पर कार्य करता है।
आपको बता दें कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सत्ताधारी भाजपा और संघ पर महिला विरोधी होने का आरोप लगाते रहे हैं। उनका आरोप रहा है कि आरएसएस वाले महिलाओं के साथ भेदभाव करते हैं। राहुल सवाल उठाते रहे हैं कि आरएसएस में कितनी महिलाएं हैं ? कभी शाखा में महिलाओं को देखा है शॉर्ट्स में? मैंने तो नहीं देखा। राहुल आरोप लगाते रहे हैं कि संघ वालों की सोच है कि जब तक महिला चुप रहे, कुछ बोले न, तब तक महिला ठीक है। जैसे ही महिला ने मुंह खोला, उसको चुप करवाओ। संभवत: मोहन भागवत ने संघ व्याख्यानमाला के पहले दिन अपने उद्बोधन में राहुल गांधी का नाम लिए बगैर उनके आरोपों का जवाब दे दिया।