बिना किसी दबाव के करूंगी काम
सदन ( parliament ) में अपने पहले दिन की तुलना स्कूल या कॉलेज के पहले दिन से करते हुए उन्होंने कहा कि वह सदन की औपचारिकताओं से परिचित होना सीख रही हैं। सांसद ने कहा कि एक निर्दलीय होने के नाते उनके सामने कई चुनौतियां हैं। लेकिन यह उन्हें एक विशेष पार्टी से बंधकर उसकी हर बात मानने के बोझ से मुक्त भी करता है। उन्होंने कहा कि वह अपने निर्वाचन क्षेत्र के मुद्दों को स्वतंत्र रूप से बिना किसी दबाव के उठा सकती हैं।
अपने संसदीय क्षेत्र में मौजूद मुद्दों को उठाने की बात करते हुए सुमालता ने कहा कि झीलों का पुनरुद्धार उनकी प्राथमिकता में है। उन्होंने कहा, ‘मैंने चुनाव प्रचार अभियान के दौरान देखा कि कई झीलें सूख गई हैं। महिलाओं को अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए पानी भरने के लिए कई मील पैदल चलना पड़ता है। मैं पहले ही जल शक्ति मंत्री से मुलाकात कर चुकी हूं और इस संबंध में एक ज्ञापन सौंपा है।’
किसानों के मुद्दों ( farmer issue ) को प्राथमिकता
उन्होंने कहा, ‘मांड्या गन्ना उत्पादक क्षेत्र है। किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य नहीं मिल रहा है। मैं इस मुद्दे को प्राथमिकता के साथ उठाना चाहती हूं। कनेक्टिविटी और सड़क बुनियादी ढांचे भी चिंता का एक विषय है जिस ओर मैं सरकार को ध्यान दिलाना चाहूंगी।’
राजनीति में ऐसे हुई एंट्री
सुमालता ने बताया कि राजनीति में उनका आना संयोगवश हुआ। उनके पति कन्नड़ अभिनेता-राजनेता अंबरीश का पिछले साल निधन हो गया था। उन्होंने बताया , ‘ उनके पति ने इस निर्वाचन क्षेत्र की देखरेख की थी। उनके समर्थकों ने उनके अंतिम संस्कार में बड़ी संख्या में भाग लिया, जो मुझे छू गया। तभी मैंने चुनाव लड़ने का फैसला किया। मैंने जीत या हार की परवाह नहीं की। मुझे बस अपने पति की याद का सम्मान करना था।’
मुख्यमंत्री के बेटे के खिलाफ लड़ा चुनाव
बता दें कि सुमालता के पति कांग्रेसी नेता थे, इसलिए उन्होंने पार्टी से टिकट मांगा था। हालांकि, कांग्रेस पार्टी ने जनता दल-सेकुलर (जेडी-एस) के साथ गठबंधन होने के चलते मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी ( h d kumarswamy ) के बेटे निखिल कुमारस्वामी को मैदान में उतारने का फैसला किया। सुमालता ने कहा, ‘मैं मुख्यमंत्री के बेटे के खिलाफ चुनाव लड़ रहा थी। यह जीत के लिए एक लंबी लड़ाई थी। संसदीय क्षेत्र के आठ विधायक भी राज्य के सत्ताधारी दल से थे। मेरे खिलाफ एक जबरदस्त अभियान चलाया गया और मुझे बाहरी शख्स कहा गया था।’ आपको बता दें कि सुमालता पेशे से एक अदाकारा। उन्होंने दक्षिण भारतीय भाषाओं के साथ-साथ हिंदी फिल्मों में भी काम किया है।