दरअसल नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब में चल रहे विधानसभा के सत्रों में पूरी तरह नदारद नजर आ रहे हैं। ऐसे में पार्टी के आला अफसरों ने सिद्धू को दिल्ली बुलाया। दिल्ली हिंसा की सुनवाई कर रहे जज के तबादले को लेकर हुआ सबसे बड़ा खुलासा, बीजेपी खेमे में हलचल
पंजाब सरकार में मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू दो दिन के लिए राजधानी दिल्ली तलब किए गए। इस दौरान सिद्धू ने पंजाब के हालातों के बारे में और उनके अंदर चल रही बातों के बारे में चर्चा की।
दो दिन की मुलाकात के बाद नवजोत सिंह सिद्धू बकायदा इसकी जानकारी प्रेस से साझा की। उन्होनें कहा कि मुझे कांग्रेस पार्टी हाईकमान की ओर से दिल्ली तलब किया गया था। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने 25 फरवरी 2020 को अपने आवास पर 40 मिनट के लिए मुझसे मुलाकात की। इस दौरान कई मुद्दों पर चर्चा हुई।
इसके बाद अगले दिन 26 फरवरी 2020 को 10 जनपथ पर कांग्रेस अध्यक्ष और महासचिव प्रियंका गांधी दोनों से मुलाकात हुई। ये मुलाकात करीब एक घंटे तक चली। पंजाब के रोडमैप किया साझा
दोनों नेताओं ने बहुत धैर्य के साथ मेरी बात सुनी।
दोनों नेताओं ने बहुत धैर्य के साथ मेरी बात सुनी।
मैंने उन्हें पंजाब के मौजूदा हालात से अवगत कराया और पंजाब के पुनरुत्थान और आत्मनिर्भर बनाने का एक रोडमैप उनके साथ साझा किया। जिसपर चलकर हम पुनः पंजाब का गौरव स्थापित कर सकते हैं।
सिद्धू ने कहा कि यह वही रोड मैप है जिसको मैंने कैबिनेट में मंत्री के तौर पर कार्य करते हुए और अपने सार्वजनिक जीवन में, पिछले कई वर्षों से दृढ़ विश्वास के साथ लोगो के समक्ष रखा है।
पिछले लंबे समय से शांत चल रहे सिद्धू की आलाकमान से मुलाकात के बाद पंजाब की राजनीति में उनकी सक्रीयता पर अब हर किसी की नजर रहेगी। कांग्रेस के आलाकमान से मिलने के बाद नवजोत सिंह सिद्धू का अगला कदम क्या होगा ये देखना दिलचस्प होगा।
आप में शामिल होने की अटकलें
आपको बता दें कि पिछले दिनों नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर अलग-अलग राजनीतिक दलों में शामिल होने की अटकलें भी लगाई जा रही थीं। खास तौर पर आम आदमी पार्टी में उनके शामिल होने को लेकर कई मीडिया रिपोर्ट्स भी सामने आई थीं।
आपको बता दें कि पिछले दिनों नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर अलग-अलग राजनीतिक दलों में शामिल होने की अटकलें भी लगाई जा रही थीं। खास तौर पर आम आदमी पार्टी में उनके शामिल होने को लेकर कई मीडिया रिपोर्ट्स भी सामने आई थीं।
हालांकि इन खबरों पर आप सांसद भगवंत मान ने कहा था कि अब तक सिद्धू से इस संबंध में कोई आधिकारिक स्तर पर बातचीत नहीं हुई है। हालांकि मान ने ये भी कहा था कि सिद्धू के चरित्र पर कोई संदेह नहीं कर सकता। वे एक ईमानदार व्यक्ति हैं।