बीजेपी के हेट स्पीच को नजरअंदाज क्यों किया? दरअसल, यह मसला अमरीकी अखबार द वॉल स्ट्रीट जर्नल ( The Wall Street Journal ) और टाइम्स मैगजीन ( Times Magazine ) की ओर से फेसबुक पर किए गए खुलासों के बाद भारत में सियासी मुद्दा ( Political agenda ) बना है। कांग्रेस नेता शशि थरूर के नेतृत्व वाली संसदीय कमेटी ने इस पर फेसबुक के इंडिया हेड को सफाई देने के लिए बुलाया था। जानकारी के मुताबिक संसदीय समिति के कुछ सदस्यों ने बीजेपी के पक्ष वाले पोस्ट और हेट स्पीच का प्रचार करने वाले पेजों को नजरअंदाज करने के लिए फेसबुक की जमकर खिंचाई की।
दूसरी तरफ बीजेपी के सदस्यों ने कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए फेसबुक इंडिया के प्रतिनिधियों से कश्मीर से लेकर जय श्रीराम के मुद्दे पर फेसबुक हेड से कई सवाल पूछे। बीजेपी सांसदों ने एक सवाल यह पूछा कि क्या जय श्रीराम कहना फेसबुक की पॉलिसी के हिसाब से सांप्रदायिक है? कुछ अन्य सवालों में सांसदों ने फेसबुक के साथ कांग्रेस के रिश्तों को खंगाला।
राजीव गांधी खेल रत्न सम्मान का नाम बदलने की उठी मांग, बबीता फोगाट ने बताई ये वजह कांग्रेस नेताओं से रिश्ते पर भी पूछे गए सवाल बीजेपी सांसदों ने पूछा कि फेसबुक अफसरों के कांग्रेस नेता अहमद पटेल से क्या रिश्ते हैं? फेसबुक के फैक्ट चैकिंग बोर्ड में शामिल कोई पार्टनर क्या कांग्रेस के डाटा एनेलेटिक्स में काम कर चुका है या नहीं?
इसके अलावा कमेटी ने फेसबुक से कांग्रेस की कार्यकारी अध्यक्ष सोनिया गांधी के पोस्ट और वामपंथी लेखों पर भी सवाल किए। पूछा गया कि राष्ट्रवादी विचारधारा से संबंधित कितने पोस्ट 2019 में फेसबुक ने डिलीट किए?
लोबसंग सांग्ये ने साधा चीन पर निशाना, कहा – तिब्बत समस्या का समाधान के लिए दलाईलामा से बात करें ‘शी’ राष्ट्रवादी विचारधारी से जुड़े पेज सबसे ज्यादा क्यों हटाए गए? संसदीय समिति की सुनवाई के दौरान यह भी पूछा गया कि क्या यह सही है कि राष्ट्रवादी विचारधारा से जुड़े वे 700 पेज हटाए गए जिनकी कुल फॉलोविंग 26 लाख से अधिक थी? क्या यह सही है कि कांग्रेस और वामपंथी विचारधारा से जुड़े जो लेख हटाए गए। उनकी कुल फालोविंग 2 लाख थी।
एफबी ने लोकसभा चुनाव को प्रभावित किया? क्या लोकसभा चुनाव 2019 ( Lok Sabha Election 2019 ) में कैम्ब्रिज एनेलेटिका ( Cambridge Analytica ) कांग्रेस के साथ मिलकर काम कर रही थी? क्या फेसबुक ने 2019 के चुनाव को प्रभावित करने का प्रयास किया था? नरेंद्र मोदी के बयानों के बारे में फेसबुक ने कितने फैक्ट चेक किए। कांग्रेस ( Congress ) अध्यक्ष सोनिया गांधी के बयानों को कितनी बार चेक किया गया?
जवाब देने के लिए एफबी को मिला 7 दिन का समय आईटी पर संसद की स्थायी समिति की पैनल ने अजीत मोहन से क्या सवाल किए, इसको लेकर स्थिति अभी स्पष्ट नहीं है। लेकिन शशि थरुर ने पूछताछ समाप्त होने के बाद ट्विट कर कहा कि फेसबुक इंडिया के हेड से समिति की करीब 3.5 घंटे तक बैठक चली। इसमें फैसला हुआ कि हमारी चर्चा आगे भी जारी रहेगी। पैनल अजीत मोहन को अगले हफ्ते जवाब देने के लिए फिर समन कर सकता है।