विशेष दर्जे पर हमला है
मीर ने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक तरफ एक मुस्लिम बहुल राज्य द्विराष्ट्र के सिद्धांत को नकार कर एक हिंदू बहुल देश पर विश्वास कर उसके साथ जाने का फैसला करता है और दूसरी तरफ यहां राज्य के विशेष दर्जे पर हमला कर हमारा उत्पीड़न किया जा रहा है।” उन्होंने कहा, “मैं एनएसए को बताना चाहूंगा कि राज्य के विलय का दस्तावेज एक वैध कानूनी दस्तावेज है और किसी को इसके अनुच्छेद आठ को नहीं भूलना चाहिए, जिसके पहले वाक्य में कहा गया है कि यह समझौता किसी भी प्रकार से राज्य में और राज्य के बाहर संप्रभुता को प्रभावित नहीं करता।”
अगले साल जनवरी तक टली अनुच्छेद 35A पर सुनवाई
जम्मू कश्मीर के अनुच्छेद 35 A पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है, जो 19 जनवरी तक टाल दी गई है। बता दें कि अनुच्छेद 35A, जम्मू-कश्मीर को राज्य के रूप में विशेष अधिकार देता है। इसके तहत दिए गए अधिकार ‘स्थाई निवासियों’ से जुड़े हुए हैं