पिछले कई महीनों से पार्टी प्रमुख मेहबूबा मुफ्ती से कहता आया हूं कि मैं पार्टी में रहकर घुटन महसूस कर रहा हूं। जब से मैं पीडीपी में शामिल हुआ तभी से देख रहा हूं कि पीडीपी प्रमुख अपने रिश्तेदारों के लाभों के बारे में सोचती रहती हैं। पिछले तीन सालों से उन्होंने सरकार और पार्टी दोनों स्तर पर केवल भाईभतीजावाद को बढ़ावा दिया। केवल अपने परिवार के लिए सोचती रहीं। उन्होंने गलत नीतियों पर अमलकर पार्टी और पूरे कश्मीर को बर्बादी के कगार पर ला खड़ा किया है। कश्मीर के इस हालात के लिए महबूबा जिम्मेदार हैं।
आपको बता दें कि भाजपा-पीडीपी में ब्रेकअप के बाद से जम्मू और कश्मीर में नए सिरे से सरकार गठन की संभावनाओं को विराम नहीं लगा है। पार्टी में फूट की डर से पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती सोनिया गांधी से मिलने के लिए दिल्ली में डेरा डाली हुई हैं। दूसरी तरफ चर्चा ये भी है कि पीडीपी के नाराज नेता भाजपा का साथ दे सकते हैं। अंदरखाते भाजपा नेताओं की पीडीपी के विधायकों से बातचीत जारी है। इस बात की चर्चा तेज होने के बाद से महबूबा परेशान चल रही हैं। इन नेताओं में इमरान रजा अंसारी का नाम भी शामिल है।