ब्रेकिंगः NRC को लेकर हो गया देश में सबसे बड़ा खुलासा… इतने लोग चाहते हैं कि नहीं लागू होना चाहिए.. इतनी लंबी बैठक चलने को लेकर एक वरिष्ठ अफसर ने कहा, “अगर 56 मंत्रालय हैं और एक मंत्रालय के प्रजेंटेशन के लिए दस मिनट जोड़ें तो कुल 560 मिनट यानी नौ घंटे चाहिए। इसमें लंच का भी समय है, ऐसे में सात-आठ घंटे कम से कम बैठक तो होनी ही थी। नहीं तो इतने मंत्रालयों की समीक्षा संभव ही नहीं थी।”
मीटिंग लेने के लिए पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ठीक साढ़े दस बजे पहुंच गए थे। उससे पहले ही सभी सीनियर से जूनियर मिनिस्टर प्रवासी भारतीय केंद्र पर मुस्तैद रहे। सूत्रों ने बताया कि इस समीक्षा बैठक के लिए एक समान प्रकृति वाले यानी एक दूसरे से संबंध वाले मंत्रालयों को एक-एक ग्रुप में रखा गया था।
मसलन, कृषि मंत्रालय, ग्रामीण विकास, जल शक्ति खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्रालय को एक ही समूह में रखा गया था। इसी तरह सुरक्षा से जुड़े गृह और रक्षा मंत्रालय, आर्थिक मामलों से जुड़े वित्त, कॉमर्स को दूसरे ग्रुप में, लेबर और स्किल डेवलपमेंट मिनिस्ट्री को एक ग्रुप में रखा गया था। ऐसे ही एक दूसरे से जुड़े विभागों को एक ही ग्रुप में रखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समीक्षा की।
रफ्तार बढ़ाइए, डिलीवरी करनी ही पड़ेगी.. इस अहम बैठक में पीएम मोदी ने पहले मंत्रियों को उनका दायित्व समझाते हुए कहा कि दूसरी बार भी अगर जनता ने सिर आंखों पर बैठाया है तो डिलीवरी करने के लिए। हर फाइल समय पर हर पटल से चलनी चाहिए। काम की ऱफ्तार और तेज करनी होगी। उन्होंने सभी विभागों से जहां पिछले छह महीनों के काम का हिसाब लिया, वहीं आगे का फ्यूचर प्लॉन भी पूछा। देश में छाई आर्थिक सुस्ती को दूर करने के लिए मंत्रियों से सुझाव लिए गए, अगले साल के बजट के लिए भी मंत्रालयों से पीएम मोदी ने सुझाव लिया।
बड़ी खबरः मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने CAA-NRC पर दिया सबसे बड़ा बयान, अमित शाह की तारीफ में कहा.. सूत्रों ने बताया कि समीक्षा बैठक कुछ बिंदुओं पर आधारित रही। मसलन, अब तक छह महीने में मंत्रालयों ने क्या किया, खासतौर से प्राथमिकता वाले कार्यक्रम कितने परवान चढ़े? मिशन 2022 को ध्यान में रखकर चलाई जा रहीं जनकल्याणकारी योजनाओं की प्रगति जानने में पीएम मोदी ने ज्यादा जोर दिया। किसानों की आमदनी दोगुनी करने, हर घर को नल का जल, बेघरों को आवास, आयुष्मान भारत, पशुओं को टीकाकरण आदि योजनाओं की समीक्षा की। इसके अलावा अगले छह महीने के लिए क्या नया करेंगे, इसकी भी जानकारी ली।
मंत्रिपरिषद में हो सकता है फेरबदल एक साथ 57 मंत्रालयों के कामकाज का हिसाब-किताब जानने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की ओर से बुलाई गई इस बैठक के बाद आगे चलकर मंत्रिपरिषद विस्तार और फेरबदल की अटकलें लग रही हैं। माना जा रहा है कि समीक्षा बैठक के बाद जहां कई बड़े विभाग ढो रहे कुछ मंत्रियों का भार कम किया जा सकता है, वहीं कमजोर प्रदर्शन वाले मंत्रियों को हटाने के साथ विभाग बदले भी जा सकते हैं।
BIG NEWS: दिग्गज भाजपा नेता के सोनिया गांधी और उनके पिता पर दिए बयान को लेकर मचा बवाल… कही थी यह बात बता दें कि इस वक्त मोदी सरकार में कुल 57 मंत्री हैं। नियम है कि लोकसभा की कुल संख्या का अधिकतम 15 प्रतिशत यानी 81 मंत्री हो सकते हैं। पिछली सरकार में 70 मंत्री थे। ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि कम से कम एक दर्जन मंत्रियों की जगह खाली है। एनडीए के सहयोगी दल मंत्रिपरिषद के विस्तार के लिए लगातार दबाव बनाए हुए हैं। विस्तार होने पर बिहार से जदयू, यूपी से अपना दल, तमिलनाडु से एआईएडीएमके को भी जगह मिल सकती है।