क्या कहा पीएम ने पीएम मोदी ने संसद भवन के बाहर मीडिया से बातचीत में कहा कि, ‘देश के कई अहम मसलों पर चर्चा होना जरूरी है, उन पर जितनी चर्चा होगी उतना ही देश को भी लाभ होगा। हमें उम्मीद है कि संसद आसानी से चलेगी।’ पीएम ने कहा कि किसी भी दल या पार्टी के पास जो भी मुद्दे हैं, वह सदन के पटल पर उठा सकता है। सरकार किसी भी तरह की चर्चा के लिए तैयार है।’ पीएम ने आगे कहा, ‘संसद की गतिविधि सभी विधानसभाओं के लिए भी प्रेरक बने, ऐसा उदाहरण पेश करना चाहिए।’ पीएम ने मानसूनी बारिश से कुछ राज्यों में होंने वाले नुकसान की चर्चा करते हुए कहा कि ‘मानसून की भारी बारिश के कारण कई राज्य पीड़ित हैं जबकि कई राज्यों में औसत से कम वर्षा हुई है। सदन इस पर भी चर्चा हो सकती है।”
मानसून सत्र: लोकसभा और राज्यसभा में विपक्ष ने थमाया ‘मॉब लिंचिंग’ पर स्थागन प्रस्ताव का नोटिस मानसून सत्र में हंगामे के आसार संसद के मॉनसून सत्र के हंगामाखेज रहने के कयास लगाए जा रहे हैं। केंद्र सरकार और विपक्ष दोनों बिलों की एक लंबी लंबित सूची और कई प्रासंगिक मुद्दों पर बहस करने की उम्मीद कर रहे हैं। बता दें कि संसद का मानसून सत्र 10 अगस्त को समाप्त होगा। इस दौरान लोकसभा और राज्यसभा में 18 बैठकें होंगी। केंद्रीय मंत्री अनंत कुमार ने कहा कि मानसून सत्र के कामकाज को सुगम बनाने के लिए मंगलवार शाम प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली सर्वदलीय बैठक में “सकारात्मक” परिणाम प्राप्त हुआ।
सरकार के खिलाफ एकजुट हुआ विपक्ष कांग्रेस के नेतृत्व में एकजुट विपक्ष भाजपा और केंद्र सरकार को बैकफुट पर लाने के लिए पूरा जोर लगाएगा। इस मानसून सत्र में विपक्षी दलों की एकजुटता सरकार के लिए बड़ी मुश्किल खड़ी कर सकती है। विपक्ष, किसानों की समस्या, रुपये के मूल्य में गिरावट और कश्मीर में निरंतर हिंसा सहित कई मुद्दों को उठा कर सरकार को बैकफुट पर लाने की कोशिश करेगा। टीडीपी ने संकेत दिया है कि वह फिर से लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए दबाव डालेगा। इसके अलावा सीपीएम, टीएमसी और कांग्रेस भी अविश्वास प्रस्ताव लाने की बात चुके हैं। इसके अतिरिक्त बेरोजगारी, कृषि संकट और पिछड़े समुदायों और अल्पसंख्यकों पर हमलों सहित विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी दल सरकार को घेरने की कोशिश करेंगे।
संसद के मानसून सत्र पर ‘अविश्वास’ की छाया, सरकार को बैकफुट पर धकेलने के लिए विपक्ष का दांव अटके हुए हैं कई बिल बता दें कि संसद के समक्ष कई बिल अटके हुए हैं जिनमें ट्रिपल तलाक बिल, लोकायुक्त बिल 2014, भ्रष्टाचार निरोधक (संशोधन) बिल 2013, व्हिसलब्लोअर प्रोटेक्शन बिल 2015, नेशनल मेडिकल कमीशन बिल 2017, मोटर व्हीकील बिल 2017, कंज्यूमर प्रोटेक्शन बिल 2018, सेरोगेसी बिल आदि महत्वपूर्ण हैं। करीब 58 ऐसे विधेयक हैं जो संसद के किसी न किसी सदन के समक्ष लंबित हैं।