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तमाम विरोधों के बीच संघ के कार्यक्रम में जाने पर प्रणब मुखर्जी अडिग

डॉ. प्रणब मुखर्जी ने आरएसएस के कार्यक्रम में अपने विचारों को लेकर अभी तक पत्ते नहीं खोले हैं।

नई दिल्लीJun 03, 2018 / 02:21 pm

Dhirendra

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कांग्रेस नेताओं के उठाए सवाल पर प्रणब ने तोड़ी चुप्‍पी, जो कहना होगा वो नागपुर में कहूंगा

नई दिल्‍ली। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति डॉ. प्रणब मुखर्जी के शामिल होने पर सामने आ रहे तमाम विरोधों के बावजूद वो अडिग हैं। पूर्व राष्ट्रपति ने विरोध करने वाले सभी नेताओं-लोगों को दो टूक सुनाते हुए कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर इरादे जाहिर कर दिए हैं।
एक बांग्‍ला अखबार को दिए गए साक्षात्‍कार में प्रणब मुखर्जी ने कहा कि जो भी कहना है वो नागपुर कार्यक्रम में शामिल होने पर ही कहूंगा। इस बयान से यह मामला कांग्रेस सहित अन्‍य लोगों के लिए और पेचीदा हो गया है। उन्‍होंने इस बात का भी जिक्र किया है कि उन्हें कई तरह के पत्र और फोन कॉल आए लेकिन किसी का भी जवाब नहीं दिया। इससे पहले कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने पूर्व राष्ट्रपति को उनके आरएसएस के कार्यक्रम में जाने के फैसले पर फिर से विचार करने के लिए कहा था। जयराम रमेश ने भी एक पत्र के जरिए उन्‍हें लिखा कि आप जैसे विद्वान और धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति को आरएसएस के साथ किसी तरह की नजदीकी नहीं दिखानी चाहिए।
दो बार पांबदी लगाने में शामिल रहे हैं प्रणब दा

इससे पहले संदीप दीक्षित ने कहा था कि आरएसएस और पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के व्यक्तित्व में काफी अंतर है। ऐसे में यह सवाल उठना लाजमी है कि संघ के कार्यक्रम में प्रणब मुखर्जी क्या कहेंगे। उन्‍होंने ही नहीं पार्टी के दूसरे नेता भी प्रणब मुखर्जी के आरएसएस का निमंत्रण स्वीकार करने को लेकर आश्‍चर्यचकित हैं। कांग्रेस के नेता कहते हैं कि वर्ष 1976-77 और बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद आरएसएस पर पाबंदी लगाई गई, उस वक्त प्रणब मुखर्जी सरकार का हिस्सा थे। ऐसे में आप किसी ऐसी संस्था के मुख्यालय कैसे जा सकते हैं, जिस संस्था पर आपने दो बार पाबंदी लगाई हो।
एक अच्‍छी शुरुआत

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के संघ के एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने का न्योता स्वीकार करने पर केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा था कि यह एक अच्छी शुरुआत है। इस पर उठ रहे सवालों को लेकर उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ पाकिस्तान का कोई आईएसआई नहीं है। न ही यह संगठन उग्रवादी संगठन है। यह राष्ट्रवादियों का संगठन है। संघ के कार्यक्रम में कोई भी शामिल हो सकता है।
निजी स्‍तर पर नेताओं ने उठाए सवाल

आपको बता दें कि डॉ. प्रणब मुखर्जी के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर विवाद चल रहा है। कांग्रेस के अंदर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के संघ के निमंत्रण के स्वीकार करने को लेकर सवाल उठ रहे हैं। पार्टी की तरफ से अधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा गया है लेकिन निजी स्‍तर पर संदीप दीक्षित, पी चिदंबरम, सीके जाफर, जयराम रमेश हित कई नेताओं ने सवाल उठाए हैं।

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