इंटरनेशनल हिंदू परिषद के प्रमुख प्रवीण तोगड़िया ने कहा है कि भव्य मंदिर का 450 वर्षों का संघर्ष का सपना आज चरितार्थ हो रहा है। 491 सालों में चार लाख लोगों के बलिदान, लाखों कारसेवक, राम भक्तों का अपने परिवार, करियर की कुर्बानी आज चरितार्थ हो रही है। मैं सर्वोच्च न्ययालय के निर्णय का स्वागत करता हूं।
मंदिर के लिए बलिदान देने वालों का हो जिक्र प्रवीण तोगड़िया का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के मुताबिक अब राम मंदिर बनाने के लिए केंद्र सरकार को ट्रस्ट बनाना है। आशा है कि ट्रस्ट बनाते समय उनको राम मंदिर बनाने के लिए मारे गए और अपना घर बार, करियर तक छोड़ देने वालों की याद भी मंदिर के साथ जोड़ना चाहिए। ताकि हिंदुओं का यह गौरवमयी संघर्ष आने वाली पीढ़ियों को याद रहे।
ये काम तो वकीलों से ही हो जाता
प्रवीण तोगड़िया ने आरएसएस, वीएचपी और मोदी सरकार से एक सवाल किया है। उन्होंने कहा कि आज मुझे दुख हो रहा है कि आंदोलन करके इतने लोग क्यों मरे? एक ही मां के दो बेटे कोठारी बंधु, गोधरा के रेलवे स्टेशन पर 59 लोग क्यों मरे, क्योंकि उन्होंने आंदोलन किया था। यदि कोर्ट से ही राम मंदिर बनाना था तो अच्छा वकील नियुक्त करना चाहिए था। तो आंदोलन क्यों किया?
बीजेपी और संघ की नीयत पर उठाया सवाल
1984 से आरएसएस-भाजपा कहती आ रही थी कि यह कांग्रेस की सरकार है। हमें सोमनाथ के बाद संसद में क़ानून से राम मंदिर बनाना है। कांग्रेस की सरकार मंदिर नहीं बनाएगी। आंदोलन करो, सरकार हटाओ, हमारी सरकार लाओ। हम मंदिर बनाएंगे। सौगंध राम की खाते हैं मंदिर वहीं बनाएंगे।
यह कहकर लालकृष्ण आडवाणी ने सोमनाथ से अयोध्या तक रथ यात्रा निकाली। आंदोलन इसलिए किया कि राम मंदिर बनाना था और राम मंदिर कैसे बने। भाजपा की सरकार आएगी। संसद में क़ानून बनाकर राम मंदिर बनेगा।
2014 में पूर्ण बहुमत की सरकार आयी तब तीन तलाक़ का क़ानून बना लेकिन राम मंदिर का क़ानून नहीं बना। राम मंदिर तो सुप्रीम कोर्ट के निर्णय से बना। मेरे मन में भी दुख हो रहा है कि राम मंदिर के नाम पर सत्ता के लिए लोगों के बेटों को मरवा दिया। यदि यह हुआ है तो यह पाप है और भगवान पाप का दंड देंगे।