दरअसल, राहुल गांधी ने रैली का नाम गलत लिखते हुए उसे ‘संसद घेराव’ रैली लिख दिया था। हालांकि कुछ ही मिनटों के अंदर इस ट्वीट को डिलीट कर दिया गया। इसके बाद उसकी जगह ‘संविधान बचाओ’ रैली के साथ ट्वीट किया गया। आपको बता दें कि कांग्रेस के ‘संविधान बचाओ’ अभियान का मकसद संविधान एवं दलितों पर कथित हमलों के मुद्दे को राष्ट्रीय स्तर पर जोरशोर से उठाना है।
इससे पहले भी कई बार गलतियों की वजह से हो चुकी हैं राहुल गांधी की ‘फजीहत’ – हालांकि राहुल गांधी से इस तरह की गलती कोई पहली नहीं है। इससे पहले अपने भाषणों के दौरान और सभाओं में कई बार राहुल गांधी गलती कर चुके हैं, जिसकी वजह से वो मजाक का पात्र बन जाते हैं। सितंबर 2017 में एक इंटरव्यू के दौरान राहुल गांधी ऐसी ही गलती कर चुके हैं, जब उन्होंने लोकसभा में सीटों की संख्या 543+2 (मनोनित) की जगह 546 बता दी। राहुल गांधी की इस गलती के बाद उन्हें सोशल मीडिया पर खूब ट्रॉल किया गया था।
ऐसे ही एक बार यूपी के फिरोजाबाद में एक जनसभा के दौरान राहुल गांधी ने आलू की फैक्ट्री कहकर अपना मजाक बनवाया था। उन्होंने कहा था, ‘आपलोग अपने इलाके में आलू फैक्ट्री की मांग कर रहे हैं, लेकिन आपको समझना चाहिए कि मैं विपक्ष का नेता हूं। मैं सरकार पर दबाव बना सकता हूं लेकिन फैसला नहीं ले सकता। मैं किसानों के लिए आलू की फैक्ट्री नहीं खोल सकता हूं।’
एक बार लोकसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण का जवाब देते हुए राहुल गांधी ने लोकसभा चेयरमैन पी वेणुगोपाल को ‘मैडम स्पीकर’ कह दिया था, जिसके बाद पूरे सदन में उनका मजाक उड़ा था। हालांकि उन्होंने बाद में माफी मांगी थी।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपने भाषण के दौरान एक बार रघुराम राजन को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) का चेयरमैन तक कह चुके हैं, जबकि रघुराम राजन रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर थे। वे इसके अलावा नरेंद्र मोदी सरकार के नोटबंदी के निर्णय पर निशाना साधते हुए एक और गलती कर गए। उन्होंने ‘ डीमोनेटाइजेशन ‘ ( नोटबंदी) को ‘ डीमोलेटाइजेशन ‘ बोल दिया था।