मोहनलाल सुखाडिय़ा विवि और श्रीलंका के कोलम्बो विवि के बीच शैक्षिक आदान-प्रदान होना तय हो गया है। श्रीलंका की ओर से की गई एमओयू की पेशकश को सुविवि में हरी झंडी दे दी गई।
एमओयू की कॉपी कोलम्बो यूनिवर्सिटी भेज दी गई है। इस करार से दोनों देशों के बीच नया शैक्षिक माहौल बनेगा। आगामी सत्र से एमओयू के अनुसार काम शुरू होगा।
सुविवि प्रवक्ता डॉ. कुंजन आचार्य ने बताया कि बीते दिनों श्रीलंका में हुई कॉन्फ्रेंस में सुविवि कुलपति प्रो. आईवी त्रिवेदी शामिल हुए थे। इस दौरान कोलंबो विवि ने सुविवि के साथ विभिन्न पाठ्यक्रमों के लिए एमओयू करने की मंशा जताई।
इस पर प्रो. त्रिवेदी ने एमओयू को स्वीकृति दे दी। इससे सेंटर फॉर एक्सीलेंस पत्रकारिता और जनसंचार, स्किल डवलपमेंट, पर्यटन, पर्यावरण विज्ञान, भाषा कौशल विषयों पर अल्पकालीन पाठ्यक्रमों का निर्माण होगा।
ऐसे नए पाठ्यक्रम कोलम्बो विवि में पढ़ाए जाएंगे। वहां के शिक्षक और विद्यार्थी यहां आकर इन विषयों की बारीकियों जानेंगे।
विवि में तैयारियां शुरू
एमओयू के तहत कमेटियों का गठन किया गया है, जो इन विषयों पर विचार करेंगी। कुलपति की अध्यक्षता में सोमवार को हुई बैठक में प्रो. प्रदीप त्रिखा, प्रो. सीमा मलिक, प्रो. कनिका शर्मा, प्रो. विनोद अग्रवाल, प्रो. अनिल कोठारी, प्रो. पीआर व्यास, प्रो. अशोक सिंह, डॉ. गिरिराजसिंह चौहान आदि मौजूद थे।
श्रीलंका की चाहत पर्यटन और अंग्रेजी
कुलपति प्रो. त्रिवेदी ने बताया कि श्रीलंका में उच्च शिक्षा पूरी तरह से निशुल्क है, लेकिन सुविधाओं की कमी होने से स्तर में कमजोरी है। श्रीलंका सरकार आने वाले समय में पर्यटन को बड़ा आधार बनाना चाहती है। ऐसे में अंग्रेजी और पर्यटन प्रबंधन को बढ़ावा देने पर जोर दिया जा रहा है। श्रीलंका के विद्यार्थी ऑस्ट्रेलिया में पढऩा पसंद करते हैं, लेकिन ‘एÓ ग्रेड होने के कारण सुविवि को एमओयू के लिए बेहतर माना गया। इसी को लेकर कोलंबो यूनिवर्सिटी की ओर से एमओयू की पेशकश की गई।
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