मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ( CM Ashok Gehlot ) और सचिन पायलट गुट के बीच चली आ रही लंबी खींचतान को खत्म करने और दोनों के बीच एक बार फिर समन्वय बैठाने में गांधी परिवार ने भी अहम पुल का काम किया है। आईए जानते हैं कैसे लंबे समय से चल रही इस खींचतान में राहत का मोड़ आया।
कारोबारी ने अपने ही घर में लगावा दी अपनी पत्नी की वैक्स स्टैच्यू, जानें क्या है इसकी वजह सचिन पायलट और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच चल रही लंबी खींचतान और मतभेदों में उस वक्त बड़ा मोड़ सामने आया जब सोमवार की दोपहर को सचिन पायलट की मुलाकात कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ( Rahul Gandhi ) से हुई। इस मुलाकात के दौरान सचिन पायलट ने अपने मनभेद और मतभेद दोनों को ही राहुल गांधी के सामने रखा। साथ ही उन्होंने अपनी सारी चिंताएं भी राहुल गांधी से साझा कीं।
राहुल से हुई इस मुलाकात ने तमाम तनावों पर मानों मरहम का काम किया। कुछ समस्याओं को सुनाकर दूर किया गया और कुछ पर आगे सुधार का आश्वासन भी मिला। सचिन और राहुल की मुलाकात रंग लाई और शाम होते-होते कांग्रेस आलाकमान की ओर से सचिन की शिकायतों को सुनने के लिए एक समिति के गठन की घोषणा भी हो गई।
मुलाकात हुई क्या बात हुई
अब सवाल उठता है कि आखिर सचिन और राहुल के बीच मुलाकात के दौरान ऐसी क्या बात हुई जो तमाम गिले शिकवे दूर होने लगे। दरअसल सूत्रों की मानें तो इस मुलाकात के दौरान एक समझौता हुआ। इसमें ये तय किया गया है कि पायलट समूह के विधायक गहलोत सरकार में दखल नहीं देंगे।
अब सवाल उठता है कि आखिर सचिन और राहुल के बीच मुलाकात के दौरान ऐसी क्या बात हुई जो तमाम गिले शिकवे दूर होने लगे। दरअसल सूत्रों की मानें तो इस मुलाकात के दौरान एक समझौता हुआ। इसमें ये तय किया गया है कि पायलट समूह के विधायक गहलोत सरकार में दखल नहीं देंगे।
हालांकि इसके बदले में पायलट गुट को यह आश्वासन मिला कि बागियों पर पार्टी कोई कार्रवाई नहीं करेगी। एक नजर अब तक हुए घटनाक्रम पर
दरअसल सचिन पायलट को गहलोत सरकार से चल रहे टकराव के बाद बड़ी कार्रवाई के चलते 14 जुलाई को राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष पद और उप-मुख्यमंत्री के पद से हटा दिया गया था।
यही नहीं पायलट गुट के दो विधायकों को भी उनके मंत्री पद से हटा गया।
दरअसल सचिन पायलट को गहलोत सरकार से चल रहे टकराव के बाद बड़ी कार्रवाई के चलते 14 जुलाई को राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष पद और उप-मुख्यमंत्री के पद से हटा दिया गया था।
यही नहीं पायलट गुट के दो विधायकों को भी उनके मंत्री पद से हटा गया।
सोनिया के निर्देश से संभला मामला
राजस्थान कांग्रेस में आई इस फूट के बीच सोनिया गांधी ने मोर्चा संभाला और ये साफ किया कि किसी भी कीमत पर सचिन पायलट को पार्टी से बाहर नहीं जाने देना है। यही वजह है थी कि जब गहलोत ने सचिन पायलट पर निजी हमला किया तो उन्हें आलाकमान की ओर से ऐसा ना करने का निर्देश मिला।
राजस्थान कांग्रेस में आई इस फूट के बीच सोनिया गांधी ने मोर्चा संभाला और ये साफ किया कि किसी भी कीमत पर सचिन पायलट को पार्टी से बाहर नहीं जाने देना है। यही वजह है थी कि जब गहलोत ने सचिन पायलट पर निजी हमला किया तो उन्हें आलाकमान की ओर से ऐसा ना करने का निर्देश मिला।
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राजस्थान की सियासत में चल रहे इस घमासान के बीच प्रियंका गांधी ने अहम रोल निभाया शुरू से लेकर अब तक वे लगातार सचिन पायलट के संपर्क में रहीं। हालांकि उन्होंने शुरू में ही सचिन को समझाने की काफी कोशिश भी की, हालांकि तब वे नहीं मानें। लेकिन सोमवार को राहुल से हुई बातचीत के दौरान बताया जा रहा है कि प्रियंका भी मौजूद रहीं।
राजस्थान की सियासत में चल रहे इस घमासान के बीच प्रियंका गांधी ने अहम रोल निभाया शुरू से लेकर अब तक वे लगातार सचिन पायलट के संपर्क में रहीं। हालांकि उन्होंने शुरू में ही सचिन को समझाने की काफी कोशिश भी की, हालांकि तब वे नहीं मानें। लेकिन सोमवार को राहुल से हुई बातचीत के दौरान बताया जा रहा है कि प्रियंका भी मौजूद रहीं।
सोमवार को ही देर शाम प्रियंका गांधी ने अहमद पायलट, केसी वेणुगोपाल के साथ पायलट गुट के विधायकों के साथ मुलाकात की और उन्हें इस बात का आश्वासन दिया गया कि उनकी बात जरूर सुनी जाएगी।
किसी बड़े पद से नवाजे जा सकते हैं पायलट
कांग्रेस पार्टी के सूत्रों की मानें तो जल्द ही सचिन पायलट को पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर किसी बड़े पद से नवाज सकती है। पायलट गुट के विधायकों को सरकार में महत्वपूर्ण पद और जिम्मेदारियां दिए जा सकते हैं।
कांग्रेस पार्टी के सूत्रों की मानें तो जल्द ही सचिन पायलट को पार्टी राष्ट्रीय स्तर पर किसी बड़े पद से नवाज सकती है। पायलट गुट के विधायकों को सरकार में महत्वपूर्ण पद और जिम्मेदारियां दिए जा सकते हैं।
समिति पायलट की मांग पर करेगी विचार
सोनिया गांधी के निर्देश के मुताबिक तीन नेताओं की एक समिति सचिन पायलट की ओर से की जा रही मांगों पर विचार कर जल्द कोई बड़ा फैसला ले सकती है। इन मांगों में जो अहम मांग है वो राजस्थान से प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे को हटाने की है। दरअसल सचिन पायलट का आरोप है कि तनाव के बीच पांडे ने एक तरफा अशोक गहलोत का समर्थन किया ऐसे में उन्हें हटाया जाए। हो सकता है पायलट की इस मांग को जल्द ही पार्टी मानकर पांडे को कोई ओर जिम्मेदारी सौंपे।
सोनिया गांधी के निर्देश के मुताबिक तीन नेताओं की एक समिति सचिन पायलट की ओर से की जा रही मांगों पर विचार कर जल्द कोई बड़ा फैसला ले सकती है। इन मांगों में जो अहम मांग है वो राजस्थान से प्रभारी महासचिव अविनाश पांडे को हटाने की है। दरअसल सचिन पायलट का आरोप है कि तनाव के बीच पांडे ने एक तरफा अशोक गहलोत का समर्थन किया ऐसे में उन्हें हटाया जाए। हो सकता है पायलट की इस मांग को जल्द ही पार्टी मानकर पांडे को कोई ओर जिम्मेदारी सौंपे।