दूसरी तरफ आज वाम दलों ने बिहार बंद का आह्वान कर रखा है। सुबह से ही धरना-प्रदर्शन क सिलसिला बिहार के अलग-अलग शहरों में जारी है। वामपंथियों के इस बंद को राष्ट्रीय जनता दल के अलावा कांग्रेस ने भी अपना समर्थन दिया है। कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) द्वारा समर्थित इस बंद के जरिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस्तीफे की मांग भी की गई है।
इससे पहले बुधवार को आरजेडी नेता और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने एक ट्वीट में मुजफ्फरपुर बालिका गृह में बच्चियों के यौन शोषण को अत्यंत घृणित और वीभत्स अपराध बताते हुए लिखा है कि बंद के जरिए मैं नीतीश चचा को इस मुद्दे पर बोलने के लिए बाध्य कर दूंगा। साथ ही नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए उन्होंने आगे लिखा था कि चाचा चलने और बात करने के लिए तैयार हो जाइए। इस बंद को सफल बनाने के लिए राज्य के विभिन्न दलों ने जनता से भी समर्थन मांगा था। इसके लिए नुक्कड़ नाटकों, सभाओं और लाउडस्पीकरों के जरिये बंद का जोरदार प्रचार भी किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने मांगा बिहार सरकार से जवाब
इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में राज्य वित्त पोषित एक एनजीओ द्वारा संचालित एक आश्रय गृह में नाबालिग लड़कियों के कथित यौन शोषण की घटनाओं पर केंद्र और बिहार सरकार से गुरुवार को जवाब मांगा। जस्टिस मदन बी लोकूर और जस्टिस दीपक गुप्ता की एक पीठ ने इस मामले पर स्वत: संज्ञान लिया और आश्रय गृह में कथित यौन शोषण की शिकार लड़कियों का मीडिया द्वारा बार-बार साक्षात्कार लिए जाने पर भी चिंता जताई। आपको बता दें कि पीठ ने बिहार सरकार और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किए और कथित पीड़िताओं की तस्वीरों का रूप बदलकर भी इन्हें इलेक्ट्रॉनिक मीडिया पर प्रसारित करने पर रोक लगाई।