क्या कहा था सोज ने पहले सैफुद्दीन सोज ने शनिवार को कहा था कि सरदार पटेल ने हैदराबाद के बदले पाकिस्तान को कश्मीर की पेशकश की थी, लेकिन नेहरू को कश्मीर से विशेष लगाव था इसलिए कश्मीर बचा। इसका सबूत है। इसलिए कश्मीर हमारे साथ है।
विवाद के बाद बयान पर मारा यू टर्न कश्मीर को लेकर विवादित बयान देने के बाद उपजे विवाद पर सोफ ने सफाई दी है। सोज ने कहा मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है। पंडित नेहरू और पटेल दोनों भारत मां के सपूत थे। पटेल की बात लियाकत अली को समझ नहीं आई थी। पटेल ने कहा था कि जूनागढ़ और हैदराबाद पर बात ही मत करो। कश्मीर पर बात नहीं करो। दोनों मुल्कों में सद्भाव बना रहे और जंग न हो इसलिए पाकिस्तान का कोई प्रस्ताव नहीं दिया।
सोज ने मुशर्रफ और आजाद के बयान का किया समर्थन सोज ने परवेज मुशर्रफ के आजादी वाला बयान को समर्थन करते हुए कहा था कि कश्मीरियों की आवाज को कोई नहीं सुनना चाहता। न तो पाकिस्तान और न ही भारत। कश्मीरियों की आंदोलन की सबसे पहला ध्येय आजादी है न कि विकास या कुछ और। इसी तरह का बयान इससे पहले नेशनल काफ्रेंस के नेता फारुख अब्दुल्ला भी दे चुके हैं। हालांकि उन्होंने सीधे तौर पर ये बातें न बोलकर अप्रत्यक्ष रूप से इस बात को रखा था। सोज ने राज्यसभा सांसद गुलाम नबी आजाद के कश्मीर में सेना की कार्रवाई में आम नागरिक के मारे जाने वाले बयान का भी समर्थन किया
सोज के बयान का कांग्रेस ने बताया हथकंडा वहीं दूसरी ओर कांग्रेस ने सैफुद्दीन सोज के उस दावे को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ ने सही कहा था कि कश्मीर के लोग आजादी को तरजीह देंगे। इसके साथ ही कांग्रेस ने कहा कि जम्मू एवं कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है और आगे भी बना रहेगा। कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि उन्होंने सोज का बयान देखा है। उन्होंने कहा, “मैंने किताब की सामग्री नहीं देखी है, लेकिन मैं इतना कहूंगा कि यदि जिस सामग्री के बारे में लिखा गया है, वह सही है, तो कांग्रेस पार्टी और भारत के नागरिक इस तरह की सामग्री को किताब बेचने का एक हथकंडा मानते हैं, जिसे अभी बाजार में आना बाकी है।
आने वाली है किताब सोज इन दिनों अपने बयानों और कश्मीर पर आधारित अपनी किताब ‘कश्मीर:ग्लिम्पसेस ऑफ हिस्ट्री एंड द स्टोरी ऑफ स्ट्रगल’ को लेकर चर्चा में हैं।