शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा है, “ये दोनों ही क्षेत्रों में आगे बढ़ने का तरीका है और ये बेहद लंबे समय से हो रहा है कि आप मुझे खुश करो और बदले में मैं आपको खुश करता हूं।” शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा है कि बॉलीवुड और पॉलिटिक्स दोनों ही फील्ड ऐसी हैं, जहां सेक्सुअल फेवर की मांग की जाती है। रेणुका चौधरी और सरोज खान ने जो बयान दिए हैं, वो गलत नहीं हैं।
शत्रुघ्न सिन्हा ने सरोज खान और रेणुका चौधरी के बयानों का खुला समर्थन किया। उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक की बात नहीं है कि अगर सरोज खान जी ने कुछ बोला है तो सही ही होगा, क्योंकि जब भी वों बोलती हैं तो दिल से बोलती हैं। सिन्हा ने कहा, “सरोज खान ने माधुरी दीक्षित, रेखा और श्रीदेवी के करियर बनाने में मदद की। फिल्म इंडस्ट्री के लिए उनका योगदान अनोखा है। कई बार वे अपने दिल से बोलती हैं। अगर उन्होंने कहा है कि लड़कियों को बॉलीवुड में एंट्री करने के लिए समझौता करना पड़ता है तो उन्हें इस बारे में पता होगा।”
वहीं शत्रुघ्न सिन्हा ने कहा कि राजनीति में कास्टिंग काउच के लिए किस शब्द का इस्तेमाल होना चाहिए, ये मैं कह नहीं सकता, लेकिन ये राजनीति में होता जरूर है और मैं ये नहीं कहता कि ये सही है और ना ही मैं कभी इसका हिस्सा बनूंगा लेकिन वास्तविकता से आंख तो नहीं मूंदी जा सकती। इसके लिए सरोज खान की निंदा नहीं होनी चाहिए। कास्टिंग काउच व्यक्तिगत पसंद का मामला है।
आपको बता दें कि कांग्रेस नेता रेणुका चौधरी और बॉलीवुड कोरियोग्राफर सरोज खान ने कास्टिंग काउच को लेकर हाल ही में हैरान करने वाले बयान दिए हैं। रेणुका चौधरी के मुताबिक कास्टिंग काउच सिर्फ बॉलीवुड या एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री तक सीमित नहीं हैं, ये ऐसी सच्चाई है जिसे हर क्षेत्र में देखा जा सकता है। उन्होंने कहा, ‘ऐसा मत समझिए कि संसद इससे अछूती है या अन्य कार्यस्थल इससे बचे हुए हैं। वहीं सरोज खान का कहना था कि भारतीय फिल्म उद्योग बलात्कार के बाद कम से कम’ महिलाओं को नौकरियां तो देता है, उन्हें बेसहारा तो नहीं छोड़ता। यौन अपराधियों के खिलाफ शुरू किए गए “मी टू” अभियान के मद्देनजर दिए एक बयान में सरोज खान ने इसके लिए महिलाओं को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि कास्टिंग काउच कोई नयी बात नहीं है।