भोपाल

किसान-मजदूरों के बाद अब युवाओं को साधने की कोशिश में सरकार, इस तरह देने जा रही लाखों नौकरियां

किसान-मजदूरों के बाद अब युवाओं को साधने की कोशिश में सरकार, इस तरह देने जा रही लाखों नौकरियां

भोपालJun 14, 2018 / 01:38 pm

Faiz

किसान-मजदूरों के बाद अब युवाओं को साधने की कोशिश में सरकार, इस तरह देने जा रही लाखों नौकरियां

भोपालः चुनावी साल है ऐसे में सरकार रूठों को मनाने और बाकि को लुभाने में लगी है। ताकि, फा़यदा चुनाव में उसे मिल सके। जिस तरह सरकार ने पिछले दिनों किसान और मजदूरों को साधा था, उसी तरह अब सरकार युवाओं को आकर्षित करने के लिए बड़ी सौग़ात देने जा रही है। इसके लिए सरकार चार अगस्त को कार्यक्रम करके एक लाख से ज्यादा युवाओं को स्वरोजगार की स्वीकृतियां देने जा रही है। इसमें कई निजी कंपनियां भी शामिल होंगी, जो योग्यता के आधार पर युवाओं को ऑफर लेटर देंगी। यही नहीं सरकार हर जिले के मुख्यालय में इसके लिए सम्मेलन भी करेगी।

युवा पर राजनीति केंन्द्रित

मिली जानकारी के मुताबिक, जिस तरह सरकार ने पहले किसान, मज़दूर और राज्य के कई ग़रीबों को मनाने के लिए कई योजनाएं और कई सौग़ातें दीं उसी तरह सरकार अब प्रदेश के युवाओं को मनाने के लिए उन्हें नौकरियां दिलाने की बात कर रही है। भाजपा की नज़र में अब सबसे बड़ा मुद्दा प्रदेश के युवा हैं और सरकार भी इस बात को बहुत अच्छे तरीक़े से जानती है कि, मतदान के दिन युवाओं की काफी अहम भूमिका होगी क्योंकि प्रदेश में लगभग 30 फीसदी आबादी रखने वाले युवाओं में एक बड़ा तबक़ा बेरोज़गार है, जो रोज़गार के लिए सरकारी-ग़ैर सरकारी निभागों में चप्पलें घिस चुका है और आज सरकार से नाराज़ है। क्योंकि इसका बड़ा कारण है सरकारी विभागों में नियुक्तियां ना होना और ग़ैर सरकारी विभाग में ज़रूरत ना होना, नोकरियां ना होने की बड़ी वजह यह भी है कि, मध्य प्रदेश में इस तरह की बड़ी कंपनियां ही नहीं हैं जो युवाओं को रोज़गार प्रदान कर सकें।

विपक्ष का चुनावी एजेंडा युवा

वहीं, दूसरी तरफ विपक्ष ने भी सरकार को घेरने के लिए अपने चुनाविक मुद्दों में से एक मुद्दा युवा बेरोज़गारी को बनाया है। जिसका इशारा किसान बरसी के मौके पर मध्य प्रदेश के मंदसौर दौरे पर आए राहुल गांधी सभा के दौरान खुद देते नज़र आए थे, जहां किसानो के साथ साथ राहुल ने युवा बेरोज़गारी को लेकर भी सरकार पर प्रहार किया था। इसके अलावा विभिन्न स्वरोजगार योजनाओं के प्रकरण बड़ी संख्या में विभागों में लंबित पड़े हैं, जिसके चलते युवा आक्रोशित हैं। इसी के चलते अब सरकार चाह रही है, कि जितना हो सके युवाओं को संतुष्ट कर लें ताकि, इसका प्रभाव सरकार के लिए होने वाले मतदान पर ना पड़े।

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