दरअसल एयर इंडिया को बेचने के लिए मोदी सरकार ने 27 जनवरी को सोमवार को प्रारंभिक जानकारी वाला मेमोरंडम जारी किया। इस मेमोरंडम को लेकर स्वामी ने कहा कि यह सौदा पूरी तरह से देश विरोधी है और मुझे कोर्ट जाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
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दिन निकलते ही आई बुरी खबर, देश के दिग्गज नेता के निधन से शोक की लहर निर्भया केस में सुप्रीम कोर्ट ने मंजूर की दोषी मुकेश की अर्जी, राष्ट्रपति ने खारिज की थी दया याचिका परिवार की कीमती चीज को बेच नहीं सकतेबीजेपी सांसद ने मोदी सरकार के फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए कहा है कि एयर इंडिया हमारे परिवार का हिस्सा और परिवार की बेशकीमती चीज को हम बेच नहीं सकते।
कांग्रेस ने लिया आड़े हाथों
सुब्रमण्यम स्वामी विरोध के साथ विपक्षी दल कांग्रेस ने भी सरकार को जमकर घेरा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने कहा कि जब सरकारों के पास पैसा नहीं है तो वे यही करती हैं। भारत सरकार के पास पैसा नहीं है, विकास दर पांच फीसदी से कम है। मनरेगा में में भी लाखों रुपये बकाया हैं। सरकार हमारी सभी मूल्यवान संपत्तियां बेच रही है।
सरकार की ओर से जारी बिड डॉक्यूमेंट के मुताबिक, एयर इंडिया एक्सप्रेस में 100 फीसदी हिस्सेदारी और जॉइंट वेंचर एआईएसएटीएस में 50 फीसदी शेयर बेचेगी। इसके लिए 17 मार्च तक बोलियां मांगी गई हैं, हालांकि अभी तक केवल दो कंपनियों ने एयर इंडिया को खरीदने की रुचि दिखाई है, जिसमें ब्रिटेन का हिंदुजा समूह भी शामिल हैं।
एयर इंडिया रणनीतिक विनिवेश के रूप में अपनी सब्सिडियरी यूनिट एयर इंडिया एक्सप्रेस की 100 फीसदी हिस्सेदारी और ज्वाइंट वेंचर एयर इंडिया एसएटीएस की 50 फीसदी हिस्सेदारी भी बेचेगी। साथ ही, एयरलाइन का मैनेजमेंट कंट्रोल भी खरीददार को सौंपा जाएगा. सात जनवरी को मंत्री समूह ने विनिवेश की बोली लगाने के लिए रुचि पत्र (ईओआई) और शेयर खरीद-बिक्री समझौते को भी मंजूरी प्रदान की।
इस दौरान कंपनी के शत प्रतिशत शेयर बेचने के लिए एयर इंडिया स्पेसिफिक अल्टरनेटिव मैकेनिज्म या मंत्रियों के समूह ने प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी थी। इसमें एयर इंडिया के साथ ही एयर इंडिया एक्सप्रेस और इसके संयुक्त उपक्रम एआई सेट्स में हिस्सेदारी की मंजूरी भी शामिल थी। सरकारी सूत्रों का कहना है कि मार्च, 2020 तक यह विनिवेश पूरा करने का हरसंभव प्रयास किया जाएगा।
एयर इंडिया पर अभी 58 हजार करोड़ का कर्ज करीब 58 हजार करोड़ के कर्ज में दबी एयर इंडिया को वित्त वर्ष 2018-19 में 8400 करोड़ रुपये का जबरदस्त घाटा हुआ है। एयर इंडिया को ज्यादा ऑपरेटिंग कॉस्ट और विदेशी मुद्रा में घाटे के चलते भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है।