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शिवसेना के समर्थन में उतरीं तस्‍लीमा नसरीन, कहा- ‘बुर्के पर बैन महिलाओं को चेहराविहीन होने से रोकेगा’

अब बुर्के पर बैन की मांग से मचा सियासी बवाल
शिवसेना की मांग से भाजपा सहमत नहीं
असदुद्दीन ओवैसी ने की शिवसेना के खिलाफ कार्रवाई की मांग

नई दिल्लीMay 01, 2019 / 05:25 pm

Dhirendra

burqa ban
नई दिल्‍ली। श्रीलंका सरकार द्वारा बुर्के को प्रतिबंधित करने के बाद से भारत में भी इस मुद्दे पर राजनीति शुरू हो गई है। शिवसेना ने जहां श्रीलंका की तरह भारत में बुर्के पर बैन लगाने की मांग की है वहीं भाजपा ने इससे असहमति जताई है। चौकाने वाली बात है कि नारीवादी लेखिका और भारत में निर्वासित जीवन जी रहीं तस्‍लीमा नसरीन ने शिवसेना की मांग का समर्थन करते हुए मुस्लिम कट्टरपंथियों को भी निशाने पर लिया है। दूसरी तरफ एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और आरपीआई प्रमुख रामदास अठावले ने शिवसेना की मांग का विरोध किया है।
बैन का विरोध करने वालों पर साधा निशाना

नारीवादी लेखिका तस्‍लीमा नसरीन ने इसे महिलाओं के अधिकारों से जोड़ते हुए कई ट्वीट किए हैं। उन्‍होंने सीरिज ऑफ ट्वीट्स में कहा है कि लोग कह रहे हैं कि बुर्के पर प्रतिबंध से आतंकवाद नहीं रुकेगा। मैं भी इससे सहमत हूं। इससे आतंकवाद नहीं रुकेगा लेकिन यह महिलाओं को चेहराविहीन होने से रोकेगा। उन्‍होंने बुर्का बैन को इस्‍लाम के खिलाफ बताने वालों को आड़े हाथों लेते हुए कहा है कि किसी की धार्मिक स्‍वतंत्रता किसी अन्‍य को नुकसान पहुंचाकर नहीं मिलनी चाहिए।
https://twitter.com/indiatimes?ref_src=twsrc%5Etfw
प्रतिबंध की आवश्‍यकता नहीं

भाजपा ने बुर्के पर बैन लगाने से असहमति जताई है। भाजपा सांसद व पार्टी के प्रवक्‍ता जीवीएल नरसिम्‍हा राव ने शिवसेना की इस मांग से असहमति जताते हुए कहा कि भारत में बुर्का पर प्रतिबंध लगाने की कोई आवश्‍यकता नहीं है।
संज्ञान ले चुनाव आयोग

वहीं एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी बुर्के पर प्रतिबंध लगाने की शिवसेना की मांग को बेवजह तूल देने वाला करार देते कहा है कि राइट टू प्राइवेसी पर सुप्रीम कोर्ट का स्‍पष्‍ट निर्णय है कि पहनावा हर व्‍यक्ति का मौलिक अधिकार है। यह उसके च्‍वाइस पर निर्भर करता है। मुखपत्र सामना के जरिए शिवसेना ने बुर्का पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर चुनाव आचार संहिता का उल्‍लंघन किया है। ओवैसी ने कहा है कि इस बात को उछालकर शिवसेना ने वोट पोलराइजेशन का कार्ड खेला है। यह चुनाव आचार संहिता का उल्‍लंघन है। चुनाव आयोग को चाहिए कि वो शिवसेना की इस मांग को गंभीरता से ले।
https://twitter.com/ANI/status/1123492439434485760?ref_src=twsrc%5Etfw
बुर्का पहनने वाली सभी महिलाएं आतंकी नहीं

रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के नेता रामदास अठावले ने शिवसेना की मांग से असहमति जताते हुए कहा है कि बुर्का पहनने वाली सभी महिलाएं आतंकी नहीं होतीं, यदि वे आतंकी हों तो उनके बुर्के हटा दिए जाने चाहिए। लेकिन यह परंपरा है और उन्‍हें इसे पहनने का अधिकार है। भारत में बुर्का पर बैन नहीं लगाया जाना चाहिए।
मांग गैर जिम्‍मेदाराना

शिया वक्‍फ बोर्ड के अध्‍यक्ष वसीम रिजवी ने भी ऐसी मांग को गैर-जिम्‍मेदाराना करार देते हुए इस बारे में फैसला महिलाओं पर छोड़ देने की बात कही।

https://twitter.com/ANI/status/1123439737606475776?ref_src=twsrc%5Etfw
बुर्का पर बैन लगाने की हिम्‍मत दिखाए सरकार
आपको बता दें कि शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में श्रीलंका में ईस्‍टर के मौके पर हुए बम हमलों के बाद चेहरा ढकने पर प्रतिबंध लगाए जाने और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बुधवार के अयोध्‍या जिले के दौरे का जिक्र करते हुए लिखा कि है कि रावण की लंका में जो हुआ वो राम की अयोध्या में कब होगा? शिवसेना से बुर्का बैन को सर्जिकल स्‍ट्राइक जैसा हिम्‍मत वाला कार्य बताते हुए पीएम मोदी से राष्‍ट्रीय सुरक्षा को ध्‍यान में रखते हुए इस पर बैन लगाने की मांग की है।
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