जानिए क्या है इलेक्टोरल बॉन्ड, अभी तक किसे मिला इसका सबसे ज्यादा लाभ? प्रस्ताव तत्काल हो गया था खारिज तेजस्वी यादव ने कहा है कि बिहार में भाजपा के सहयोग से सरकार बनाने के छह महीने के अंदर ही नीतीश कुमार ने महागठबंधन में वापसी का प्रस्ताव देने का काम शुरू कर दिया था। लेकिन उनके इस प्रस्ताव को आरजेडी सुप्रीमो ने तत्काल खारिज कर दिया। ऐसा इसलिए कि लालू जी नीतीश कुमार को भरोसा करने लायक व्यक्ति नहीं मानते।
CM नवीन पटनायक के विधानसभा क्षेत्र में इस गांव के लोग नहीं डालते वोट, इसके पीछे है ये बड़ी वजह लालू से 5 बार मिले नीतीश के भरोसेमंद प्रशांत किशोर लालू की पुस्तक के हवाले से उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के एक करीबी मित्र और उनके विश्वासपात्र प्रशांत किशोर लालू जी से पांच अलग-अलग मौकों पर मिले। हर बार महागठबंधन के वापसी को लेकर बातचीत हुई। उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री ने ऐसा धर्मनिरपेक्ष मोर्चा में शामिल होने के मकसद से किया था।
सुप्रीम कोर्ट पहुंचा पीएम मोदी की बायोपिक का मामला, सोमवार को होगी सुनवाई नीतीश के लिए महागठबंधन में जगह नहीं आपको बता दें कि आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव के बेटे और बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पहले ही बता चुके हैं कि विपक्ष के महागठबंधन में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की कोई आवश्यकता नहीं है। ये बात उन्होंने जुलाई, 2018 में आरजेडी के 22वें स्थापना दिवस पर कही थी। इस अवसर पर उन्होंने पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि ऐसा माहौल बनाया जा रहा है कि महागठबंधन नीतीश कुमार को स्वीकार करने के लिए तैयार है।
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