एलजेपी अध्यक्ष चिराग ( chirag paswan ) ने शुक्रवार को ट्वीट कर कहा, “कोरोना के प्रकोप से बिहार ही नहीं पूरा देश प्रभावित है। कोरोना के कारण आम आदमी के साथ साथ केंद्र व बिहार सरकार का आर्थिक बजट भी प्रभावित हुआ है। ऐसे में चुनाव (
Bihar Election ) से प्रदेश पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ेगा। संसदीय बोर्ड के सभी सदस्यों ने इस विषय पर चिंता जताई है।”
उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा, “चुनाव आयोग को भी इस विषय पर सोच कर निर्णय लेना चाहिए। कहीं ऐसा ना हो की चुनाव के कारण एक बड़ी आबादी को ख़तरे में झोंक दिया जाए। इस महामारी के बीच चुनाव होने पर पोलिंग पर्सेंटेज भी काफ़ी नीचे रह सकते है. जो लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है।”
हालांकि उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, “मुझे ख़ुशी है की लोक जनशक्ति पार्टी के बिहार प्रदेश संसदीय बोर्ड की बैठक में 94 विधान सीटों पर बूथ लिस्ट सत्यापित कर संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष राजू तिवारी जी ने सौंपी है। बची 149 सीटों पर जल्द सूची सत्यापित कर जमा करने की बात कही है। लोक जनशक्ति पार्टी चुनाव के लिए तैयार है।”
शुक्रवार को अपने इन ट्वीट्स में लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने साफतौर पर कहा कि वह तैयार होने के बावजूद चुनाव के पक्ष में नहीं हैं, क्योंकि यह एक बड़ी आबादी के लिए एक गंभीर खतरा पैदा कर सकता है।
इससे पहले पिछले सप्ताह वीवीआईपी इलाकों सहित राज्य में नए क्षेत्रों में कोरोना वायरस फैलने के साथ विपक्षी राजद और कांग्रेस ने राज्य सरकार पर जनता की कम देखभाल करने और विधानसभा चुनावों की तैयारियों पर अधिक ध्यान केंद्रित करने के लिए तीखा हमला किया था।
इस दौरान विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने कहा था, “चुनाव के लिए यह सही समय नहीं है। राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है, लेकिन सरकार निश्चिंत है। पूरा मंत्रिमंडल, प्रशासन और सरकार चुनावों में व्यस्त हैं। सरकार आंकड़े छिपा रही है। अगर सरकार नहीं जागी तो अगस्त-सितंबर तक स्थिति विस्फोटक हो सकती है।”
हालांकि, तेजस्वी और चिराग द्वारा बजाई जा रही इस अलग धुन का एक अलग राजनीतिक अर्थ लगाया जा सकता है, जब महागठबंधन भी अंदर से मंथन देख रहा है। हाल के महीनों में बिहार सरकार ने जिस तरह से महामारी और प्रवासियों के मुद्दे को संभाला है, उससे चिराग काफी आलोचनात्मक हो गए हैं और जेडी-यू इससे परेशान है।
गौरतलब है कि इससे पहले लोजपा संसदीय बोर्ड ने गुरुवार को एक बैठक कर बिहार चुनाव टालने पर निर्णय लिया था। इसका फैसला दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान के घर चली बैठक में किया गया। इधर LJP ने चुनाव टालने के बारे में राय दी है। जाहिर है कि LJP का यह कदम JPU और BJP को रास नहीं आयेगा। गौरतलब है कि JPD-BJP पहले से ही चुनावी तैयारियों में लगे हुए हैं।