तमिल सिनेमा का राजनीतिक इतिहास
आपको बता दें कि प्रदेश की मरहूम धुरंदर नेत्री जयललीता राजनीति में आने से पहले मशहूर तमिल अभिनेत्री थी। उस समय राज्य के दमदार नेता एंटी रामाराव से नजदीकी के चलते जयललीता ने राजनीति में प्रवेश किया और फिर भारतीय राजनीति को एक नई दिशा दी। वहीं प्रदेश के पूर्व सीएम एम करुणानिधि भी राजनीति में आने से पहले फिल्म इंडस्ट्री में ही थे। अब अम्मा के निधन के अब अब तमिल और हिन्दी सिनेमा के मशहूर अभिनेता कमल हासन ने राजनीति में आने का संकेत दिया है। उनका यह संकेत तब और अधिक वास्तविकता में बदलता दिखाई दिया, जब दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल उनसे मिलने चेन्नई पहुंचे और उनसे राजनीतिक भविष्य को लेकर चर्चा की। सियासी पंडितों का मानना है कि कमल हासन और केजरीवाल की मुलाकात के बाद रजनीकांत का यह ट्वीट तमिल सियासत में गोलबंदी का स्पष्ट संकेत है। वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में यह गोलबंदी मूर्तरूप ले सकती है।
कमल के बाद रजनीकांत
अभिनेता कमल हासन द्वारा राजनीति में आने की घोषणा के बाद बीजेपी ने उनकी काट तलाशनी शुरू कर दी है।
तमिलनाडु में कमल खिलाने के लिए बीजेपी भी कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रही है। उसकी नजर सुपरस्टार रजनीकांत पर है। यही नहीं केबिनेट मिनिस्टर नितिन गडकरी तो सार्वजनिक रूप से रजनीकांत को पार्टी ज्वाइन करने का न्यौता दे चुके हैं। इस तरह रजनीकांत की भी राजनीति में आने की संभावनाएं प्रबल हो गई हैं। आपको बता दें कि केवल जयललिता ही नहीं एम करुणानिधि भी राजनीति से पहले तमिल सिनेमा से थे।