हिंदू संगठनों के विरोध की वजह से तनाव को देखते हुए जिला प्रशासन ने पम्बा, निलक्कल, इलावुंगल और सन्निधानम में शनिवार की मध्य रात्रि से 72 घंटे के लिए सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की गई है। शांतिपूर्ण तरीके से दर्शन के लिए 2300 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। इनमें 20 सदस्यीय कमांडो टीम और 100 महिलाएं शामिल हैं। पिछले महीने जब मंदिर पांच दिनों के लिए मासिक पूजा के वास्ते खुला था तो इस अवसर की रिपोर्टिंग करने के लिए आई महिला पत्रकारों से बदसलूकी की गई थी। पुलिस के मुताबिक जरूरत पड़ने पर सर्किल निरीक्षक और उपनिरीक्षक रैंक की 30 महिला पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाएगा जिनकी उम्र 50 वर्ष से अधिक होगी।
आज सबरीमला मंदिर श्री चितिरा अट्टा तिरुनाल की पूजा के लिए शाम पांच बजे कपाट खुलेगा और रात दस बजे बंद हो जाएगा। तांत्री कंडारारू राजीवारूमुख्य पुजारी उन्नीकृष्णन नम्बूदिरी मंदिर के कपाट संयुक्त रूप से खोलेंगे और श्रीकोविल (गर्भगृह) में दीप जलाएंगे।
केरल के देवासम मामलों के मंत्री के सुरेंद्रन ने कहा कि सरकार सभी श्रद्धालुओं को सुरक्षा मुहैया कराएगी। हालांकि, अबतक प्रतिबंधित उम्र की किसी भी महिला ने सबरीमाला दर्शन के लिए पुलिस से सुरक्षा के लिए संपर्क नहीं किया है। आंधप्रदेश और तमिलनाडु के श्रद्धालु पहले ही इरुमेली पहुंच गए हैं। मंदिर के संरक्षक पंडालम राज परिवार के सदस्यों ने सबरीमाला में भारी संख्या में सुरक्षाबलों की तैनाती पर नाराजगी जताई है। राजपरिवार के करीबी ने सुरक्षाबलों की तैनाती दुखादायी बताया है। अफसोस की बात है कि पुलिस की मौजूदगी में भक्त दर्शन करेंगे।
सभी उम्र की महिलाओं को सबरीमला में प्रवेश के फैसले का विरोध कर रहे हिंदू संगठनों ने महिला पत्रकारों को रिपोर्टिंग के लिए नहीं आने की अपील की है। विश्व हिंदू परिषद और हिंदू ऐक्यवेदी समेत दक्षिणपंथी संगठनों के संयुक्त मंच सबरीमला कर्म समिति ने यह अपील जारी की है। संपादकों को लिखे पत्र में समिति ने कहा कि इस आयु वर्ग की महिलाओं के अपने काम के सिलसिले में मंदिर में प्रवेश करने से स्थिति और बिगड़ सकती है। इस पत्र की एक प्रति मीडिया को भी जारी की गई है। इसके साथ ही शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी रखने की बात की गई है। इस बीच केरल के पुलिस महानिदेशक लोकनाथ बेहरा ने स्पष्ट किया है कि पत्रकारों पर किसी भी तरह की कोई रोक नहीं है।