इस बीच देश के संवैधानिक पदों पर बैठे व्यक्तियों ने भी मदद का हाथ बढ़ाया है। राष्ट्रपति ( President ), उपराष्ट्रपति और राज्यपालों ने स्वेच्छा से अपने वेतन में कटौती का फैसला लिया है।
इतना ही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सोमवार को कैबिनेट बैठक ( Union cabinet meeting ) हुई। इस बैठक में दो अहम फैसले लिए गए। पहला सभी सांसदों की सैलरी में एक साल के लिए 30 फीसदी कटौती और दूसरा दो साल के लिए MPLAD फंड को खत्म कर दिया गया है। इस फंड का इस्तेमाल कोरोना वायरस से लड़ने में किया जाएगा।
पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट मीटिंग में कुछ महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। सरकार की ओर से केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैबिनेट फैसलों की जानकारी दी। इसके तहत सांसद निधि के तहत मिलने वाले फंड को भी दो साल के लिए सस्पेंड कर दिया गया है। वहीं सभी सांसदों के वेतन में सालभर के लिए 30 फीसदी की कटौती करने संबंधी अध्यादेश को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।
संसद सत्र में पास होगा कानून
राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, सभी राज्यपाल और सांसद 1 साल तक अपने वेतन का 30 फीसदी हिस्सा नहीं लेंगे। इस फैसले को कार्य रूप देने के लिए एक अध्यादेश लाया जाएगा।
लॉकडाउन के बाद जब संसद का सत्र शुरू होगा तब उसमें इस बारे में कानून पारित करा लिया जाएगा। MPMALD में मिलते थे 10 करोड़
सांसदों को हर वर्ष मिलने वाली निधि या एमपी लोकर एरिया डेवलपमेंट फंड ( MPMALD ) भी दो वर्ष के लिए रोक दिया है। दरअसल सांसदों को हर वर्ष निधि राशि के तौर पर 10 करोड़ रुपए दिए जाते हैं।
लेकिन अब ये फंड कंसोलिडेटेड फंड ऑफ इंडिया में जमा होगा, ताकि उससे कोरोनावायरस के खिलाफ जंग में इस्तेमाल किया जा सके।