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विदिशा

जो लालच में हिन्दुत्व से दूर चले गए, उन्हें वापस लाओ : भागवत

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि जो लोग किसी लालच से हिन्दुत्व से दूर हो गए हैं उन्हें घर वापस लाएं और उन्हें मान्य करें…।

विदिशाJan 13, 2018 / 12:16 pm

Manish Gite

vidisha rss meeting: mohan bhagwat latast news in hindi

विदिशा. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि जो लोग किसी लालच से हिन्दुत्व से दूर हो गए हैं उन्हें घर वापस लाएं और उन्हें मान्य करें। हालात आज जो भी हों, लेकिन हमारा अतीत गौरवपूर्ण रहा है। जरूरी है कि लालच में दूर जाने वालों को रोकें और उनकी घर वापसी कराएं।
भागवत ने शुक्रवार को यहां कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, समाज में भेदभाव को रोकना होगा। रीति-रिवाजों को नई पीढ़ी में बढ़ाना चाहिए। ऐसा भारत खड़ा करना होगा, ताकि अगली पीढ़ी कहे कि अच्छा देखना हो तो भारत आओ।
भागवत ने कहा, समाज में कोई ऊंच-नीच नहीं है। जातियां-उपजातियां हैं, लेकिन हम सब एक हैं। जातिवाद हजार साल की बीमारी है, जो एक दिन में ठीक नहीं हो सकती, लेकिन इसे ठीक करना होगा। संबंध बनाने का काम खुद से शुरू करें। यह सुनिश्चित करें कि मेरा परिवार सामाजिक समरसता का पालन कर रहा है या नहीं। भागवत ने गोरक्षा पर भी जोर दिया।
प्रदेश में भाजपा के लिए चुनाव चिंता का विषय: राघवजी
संघ के कार्यकर्ता सम्मेलन में श्रोता के रूप में आए प्रदेश के पूर्व वित्तमंत्री राघवजी ने मीडिया से कहा कि मप्र में आगामी विधानसभा चुनाव भाजपा के लिए चिंता का विषय हैं। जब गुजरात में २२ साल तक भाजपा के राज और खुद प्रधानमंत्री वहीं के होने के बावजूद ये हाल हुआ तो मप्र में तो स्थिति वैसे ही चिंताजनक है।
झाडू लगाने कहेंगे तो वो भी करूंगा: कैलाश
भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने मीडिया से कहा, मैंं भाजपा का कार्यकर्ता हूं। झाडू लगाने कहा जाएगा तो वह भी करुंगा। उनसे पूछा गया था कि क्या वे भाजपा प्रदेशाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी उठाने को तैयार हैं।
मोबाइल को लेकर संघ प्रमुख चिंतित
भागवत ने मोबाइल फोन के कारण बिगड़ रहे हालातों पर कहा,शहरों में यह समस्या ज्यादा है। परिवार में सबके अलग-अलग कमरे हैं। सब मोबाइल में व्यस्त हैं। मां को नहीं मालूम कि बेटा मोबाइल पर क्या देख रहा है। बेटे को भी नहीं मालूम कि मां क्या कर रही है। इस सबके परिणाम विभिन्न घटनाओं के रूप में सामने आ रहे हैं। जरूरी है कि आत्मीयता के धागे से कुटुम्ब को बांधें।
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