शुक्रवार को लंदन के वेस्टमिनिस्टर कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। यहां भगोड़े विजय माल्या ने कहा कि देखते हैं आज कोर्ट की कार्यवाही में क्या होता है। लेकिन कर्नाटक में वोट डालना मेरा लोकतांत्रिक अधिकार है, लेकिन मेरी जमानत की शर्तें इस बात की इजाजत नहीं देती कि मैं ब्रिेटेन छोड़कर जा सकूं। मैं भारत की सक्रिय राजनीति में नहीं हूं इसलिए उसपर टिप्पणी नहीं कर सकता।
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11 मई को अगली सुनवाईशुक्रवार को कोर्ट में सुनवाई में माल्या द्वारा प्रत्यर्पण के खिलाफ उठाए गए सवालों और तर्कों का लिखित जवाब देना है। कोर्ट इस संबंध में फैसले का दिन भी घोषित कर चुकी है। मामले की अगली सुनवाई 11 मई को होगी।
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मार्च 2016 में भागा था विदेशबता दें कि विजय माल्या मार्च 2016 में भारत छोड़कर ब्रिटेन जा चुका है। वो विभिन्न भारतीय बैकों को 9000 करोड़ रुपए कर्ज लेकर नहीं चुकाने का दोषी है। पिछले महीने एक पेशी के दौरान माल्या ने अपने वकीलों ने जरिए कोर्ट से कहा था कि उसने कोई गलत काम नहीं किया है। उसपर लगाए गए सभी आरोप मनगढ़ंत हैं। वहीं पटियाला हाउस कोर्ट और मुंबई कोर्ट उसे फरार अपराधी घोषित कर चुकी है।
21 अप्रेल को केद्रीय मंत्रिमंडल ने एक महत्वपूर्ण अध्यादेश पर अपनी मुहर लगा दी। जिसके मुताबिक बैंकों को चपत लगाकर विदेश भागने वाले आर्थिक अपराध करने वालों की संपत्तियां अब जब्त की जाएंगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में भगोड़ा आर्थिक अपराधी अध्यादेश-2018 लाने का फैसला किया गया। यह अध्यादेश पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी के हालिया मामले के उजागर होने के बाद लिया गया है। इसके अलावा विजय माल्या समेत कुछ और लोग बैंकों को चूना लगाने के आरोपी देश छोड़ कर भाग गए हैं। निष्क्रिय हो चुकी विमानन कंपनी किंगफिशर एयरलाइन्स के मालिक माल्या बैंकों से भारी कर्ज लेकर कुछ साल पहले देश से पलायन कर लंदन चला गया है। अध्यादेश का मकसद आर्थिक अपराधियों पर भारतीय न्यायालयों के अधिकार क्षेत्र से बाहर रहकर भारतीय कानून की प्रक्रिया से बचने के मामले में लगाम कसना है।