महाराष्ट्र में सत्ता हाथ से छिनने की वजह से शिवसेना हमलावर होगी तो अपनी किरकिरी होने से कांग्रेस भी सरकार के खिलाफ आक्रामक होगी। एनसीपी के लिए यह मुश्किल समय होगा, क्योंकि उसकी टूट से ही यह स्थिति बनी है। वहीं एक और राज्य में सत्ता हाथ आने से भाजपा पलटवार करने की कोशिश करेगी।
बता दें कि 23 नवंबर नवंबर को एनसीपी के प्रमुख नेता और पार्टी प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजीत पवार ने भाजपा को एनसीपी के समर्थन का पत्र दे दिया और भाजपा के देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व में सरकार ने शपथ ग्रहण कर ली। इससे पूरा विपक्ष बौखला गया है।
इसकी झलक दो दिन के साप्ताहिक अवकाश के बाद शुरू संसद के सत्र में देखने को मिलेगी। इसी बीच आज ही दिन में इस मामले में उच्चतम न्यायालय का फैसला आना है। संसद में सत्तापक्ष और विपक्ष के तेवर इस बात पर भी निर्भर करेगी कि शीर्ष न्यायालय इस मुद्दे पर क्या आदेश देता है। उसी के अनुरूप विपक्ष अपना रुख तय करेगा।