पहले भी हुए हैं ऐसे प्रयास
सीताराम येचुरी का कहना है कि इससे पहले भी राष्ट्रीय स्तर पर इस तरह का गठबंधन बनाने की कोशिश की गई थी, लेकिन इन कोशिशों का कोई सार्थक नतीजा निकल कर सामने नहीं आया। वीपी सिंह के नेतृत्व में 1989 में लोकसभा चुनाव के बाद बने राष्ट्रीय मोर्चा और वाम मोर्चा का उन्होंने उदाहरण दिया। बता दें कि इसी चुनाव के बाद विश्वनाथ प्रताप सिंह देश के प्रधानमंत्री बने थे। सीपीएम महासचिव ने हालांकि यह भी स्पष्ट किया कि केंद्र से नरेंद्र मोदी सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए उनकी पार्टी अगले लोकसभा चुनाव में भाजपा विरोधी मतों का विभाजन रोकने में कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखेगी। इसके लिए वह गंभीर प्रयास कर रहे हैं।
हर मोर्चे पर विफल है केंद्र सरकार
येचुरी ने कहा कि केंद्र की सरकार पूरी तरह विफल रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी किसी भी मोर्चे पर सफल नहीं है। इस वजह से विपक्षी दलों को भाजपा का विरोध करना चाहिए, ताकि 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी सरकार को केंद्र की सत्ता से उखाड़ फेंका जा सके।
देश की जनता मोदी सरकार से निराश हो चुकी है
सीपीएम महासचिव ने कहा कि देश की जनता केंद्र की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के प्रदर्शन से काफी निराश है। इस वजह से उनकी पार्टी भी इस कोशिश में लगी है कि आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा विरोधी मतों को बिखरने से रोका जा सके।