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डाकघरों में एक दिन में 50 लाख से एक करोड़ तक रुपए जमा हो रहे हैं, लेकिन किसी भी डाकघर में चार लाख से ज्यादा रुपए रखने की व्यवस्था नहीं है। कस्बे के मुख्य डाकघर में भी न तो नोट गिनने की मशीन है और न ही नकली नोट पहचानने की। नतीजतन भीड़ ज्यादा होने पर लोग नकली नोट भी जमा करवा रहे हैं।
ज्यादा भीड़ होने के कारण यहां पैसों की गिनती भी ठीक से नहीं हो पाती है और नोट कम भी आ जाते हैं। शनिवार को फतेहपुर के मुख्य डाकघर व अन्य शाखाओं में 80 लाख रुपए जमा हुए थे। ये रुपए रात तक मुख्य डाकघर में पहुंचे और यहां से पैसे लेकर जब बैंक में जमा करवाने गए तो एसबीआई ने पैसे लेने से मना कर दिया। इसके बाद रात को थाने में पैसे रखने पड़े।
भीड़ की आड़ में नकली नोट
फतेहपुर डाकघर में शनिवार को तीन हजार के नकली नोट जमा हो गए। डाकघर अधीक्षक मुरारीलाल बाहिती ने बताया कि उनके पास 3000 के नकली नोट भी जमा हो गए जिसे एसबीआई ने लेने से मना कर दिया।
डाक विभाग के अधिकारियों ने बताया कि रविवार को बैंक में तीन करोड़ रुपए जमा कराने गए। लेकिन 40 लाख ही जमा किए गए। एेसे में मजबूरन शेष राशि को डाकघर में ही रखना पड़ा। इस कारण डाकघरों का कामकाज पटरी पर नहीं आ रहा है। क्योकि डाकघरों में राशि को रखने की व्यवस्था भी नहीं है। विभाग ने सुरक्षा के लिए भी अभी तक कोई इंतजाम नहीं किए है।