विद्यालय का स्थायी भवन बनने तक केन्द्रीय विद्यालय संगठन ने जिला प्रशासन से अस्थायी भवन की मांग की थी, जहां कक्षाएं चलाई जा सके। इसके बस स्टैण्ड के पीछे स्थित नवनिर्मित जनजाति विकास भवन का उपयोग करने की अनुमति दी गई थी। केन्द्रीय विद्यालय संगठन के अधिकारियों ने दौरा कर भवन को विद्यालय के लिए उपयुक्त माना था। लेकिन इसके बाद पूर्व में आवंटित भूमि निरस्त कर दी गई। इससे आगे की सारी प्रक्रिया रूक गई।
&अब भूमि आवंटन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। केन्द्रीय विद्यालय को नि:शुल्क भूमि देने का निर्णय सरकार ने कर लिया है। अब राजस्व विभाग आगे की कार्रवाई करेगा।केन्द्रीय विद्यालय संगठन को अब अपनी प्रक्रिया शुरू कर देनी चाहिए।
अनुपमा जोरवाल, जिला कलक्टर, प्रतापगढ़