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प्रतापगढ़

किसानों की हालत:कंगाली में आटा गीला

प्रतापगढ़. जिले में भूमिपुत्रों की हालत इस बार कंगाली में आटा गीला वाली चरितार्थ हो रही है। यहां हालात यह है कि सोयाबीन की फसल में अंकुरण कम हुआ है। इससे दुबारा बुवाई करनी पड़ी है। इसके साथ ही तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण कई खेतों में कीटों का प्रकोप बढ़ गया है। जिससे अभी से कीटनाशक का छिडक़ाव करना पड़ रहा है।

प्रतापगढ़Jul 21, 2021 / 07:48 am

Devishankar Suthar

किसानों की हालत:कंगाली में आटा गीला

किसानों की हालत:कंगाली में आटा गीला


-खंड बारिश के बाद अब इल्लियों का प्रकोप
-कीटनाशक का छिडक़ाव करने में जुटे किसान
प्रतापगढ़. जिले में भूमिपुत्रों की हालत इस बार कंगाली में आटा गीला वाली चरितार्थ हो रही है। यहां हालात यह है कि सोयाबीन की फसल में अंकुरण कम हुआ है। इससे दुबारा बुवाई करनी पड़ी है। इसके साथ ही तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण कई खेतों में कीटों का प्रकोप बढ़ गया है। जिससे अभी से कीटनाशक का छिडक़ाव करना पड़ रहा है।
जिले में इस वर्ष मानसून पूर्व बारिश से ही खंड बारिश हुई है। ऐसे में जिले में अलग-अलग इलाकों में खरीफ की बुवाई भी कई दिनों के अंतराल से हुई है। बारिश अलग-अलग इलाकों में और कम होने के कारण खरीफ की फसल बड़ी और छोटी अवस्था में है। इसके साथ ही कई खेतों में अंकुरण नहीं हो पाया है। जिससे किसानों ने दुबारा बुवाई भी की है। ऐसे में किसानों का खर्चा दोगुना हो गया है।
अब फसल में बढ़वार हो रही है। लेकिन छोटी फसल में ही इल्लियों ने हमला बोल दिया है। जिससे किसानों को अभी से रोकथाम के लिए कीटनाशक का छिडक़ाव करना पड़ रहा है। ऐसे में किसानों की हालत कंगाली में आटा गीला वाली हो रही है।
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शुरुआत से ही इल्लियों का प्रकोप
प्रतापगढ़. इस वर्ष खरीफ की फसल में अंकुरण के एक सप्ताह बाद से ही इल्लियों का प्रकोप हो गया है। सोयाबीन की फसलों में इल्लियों ने पत्तों को छलनी करना शुरू कर दिया है। वहीं कहीं-कहीं तनाछेदक का प्रकोप भी दिखाई देने लगा है। ऐसे में फसलों में नुकसान होने लगा है। इसी प्रकार मक्का की फसल में भी नुकसान होने लगा है। इसे देखते हुए किसानों को अभी से कीटनाशक का छिडक़ाव करना मजबूरी हो गई है।

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जिले में खरीफ बुवाई का आंकड़ा
फसल एरिया
मक्का ४५०००
सोयाबीन १२९०००
उड़द ६०००
मूंगफली २०००
अरहर १५०
धान १०००
कपास १०००
अन्य ३००
कुल १८७१५०
(आंकड़े कृषि विभाग के अनुसार हैक्टेयर में)
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===९५ प्रतिशत हो चुकी बुवाई
जिले में लक्ष्य के मुकाबले करीब ९५ प्रतिशत तक बुवाई हो चुकी है। वहीं कुछ इलाकों में अभी अजवाइन, सुआ की बुवाई शेष है। कई इलाकों में सोयाबीन और मक्का की फसल में इल्लियों का प्रकोप होने लगा है। ऐसे में किसानों को कृषि विशेषज्ञों की सिफारिश के अनुसार ही उचित मात्रा में कीटनाशका का उपयोग करना चाहिए।
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रमेशकुमार जारोली, उप निदेशक, कृषि विस्तार, प्रतापगढ़.
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