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युवा कार्यकारिणी का गठन

locationप्रतापगढ़Published: Apr 17, 2018 09:58:44 am

Submitted by:

rajesh dixit

मेवाड़ क्षत्रिय महासभा तहसील की बैठक

pratapgarh
प्रतापगढ़ मेवाड़ क्षत्रिय महासभा तहसील प्रतापगढ़ की वार्षिक बैठक रोकडिय़ा हनुमान मंदिर परिसर में आयोजित की गई। अध्यक्षता जिलाध्यक्ष डीडी सिंह राणावत ने की। मुख्य अतिथि अरनोद कर्नल जयराजसिंह, विशिष्ट अतिथि मांगूसिंह वरमण्डल, भूपेन्द्रसिंह रायपुर , दिग्विजयसिंह सेमलिया, तहसील अध्यक्ष भगवतसिंह टेरियाखेड़ी, भवानीसिंह सेमलिया, ईश्वरसिंह बड़ा सेलारपुरा थे। बैठक में आगामी दिनों महाराणा प्रताप जयंती के आयोजन पर विचार-विमर्श किया और संगठन को सुदृढ़ करने पर चर्चाकी गई। समारोह के आयोजन के लिए विभिन्न समितियों का गठन किया गया। जिसके अन्तर्गत तहसील प्रतापगढ़ के मेवाड़ क्षत्रिय युवा महासभा के अध्यक्ष पद पर भूपेन्द्रसिंह सिसोदिया, उपाध्यक्ष पद पर राजदीपसिंह सिसोदिया कुलथाना, कृष्णपालसिंह चूण्डावत महामंत्री, रामपालसिंह चूण्डावतए कुणी संगठन मंत्री, पप्पुसिंह चौहान गादोला कोषाध्यक्ष, महेन्द्रसिह सिसोदिया वरमण्डल सयुक्त मंत्री, नरेन्द्रसिंह सिसोदिया खेरोट को मनोनीत किया गया। बैठक में जिलाध्यक्ष, सभी तहसील अध्यक्ष व अतिथियों ने विचार व्यक्त किए। बालक एवं बालिका शिक्षा पर जोर दिया गया। जिला कोषाध्यक्ष मदनसिंह ग्यासपुर ने आभार प्रकट किया।
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प्रशासन ने कर ली ‘आंख व कान’ बंद
-हादसा हो गया तो क्या बच जाओगे जिम्मेदारी से
-विभाग की चेतावनी, फिर भी आखिर अनदेखी क्यों
प्रतापगढ़. राजकीय महल स्कूल की जर्जर दीवारों की सुध लेने वाला कोईनजर नहीं आ रहा है। शहरवासी हैरान है। दुकानदार परेशान हैं। राहगीरों को चिंता रहती है कि यह दीवार कहीं गिर नहीं जाए। इसके बाद भी प्रशासन ने आंख व कान दोनों बंद कर लिए हैं। जिम्मेदार विभागों के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है।
पत्रिका में हादसे बाद ‘क्या टूटेगी जिम्मेदारों की नींद’ शीर्षक से इस ज्वलंत मुद्दे को उठा रखा है। शहरवासी चाहते है कि दीवार जल्द से जल्द ढहाई जाए, ताकि कोईहादसा नहीं हो। लेकिन शायद प्रशासन किसी हादसे के इंतजार में ही बैठा है।

आखिर जिम्मेदारी कौन लेगा?
भवन किसी भी महकमे का हो, जब सार्वजनिक निर्माण विभाग की ओर से भवन को असुरक्षित घोषित कर दिया गया है तो फिर ये अनदेखी क्यों? ये बात समझ से परे है। इससे जाहिर है कि जिम्मेदार अधिकारी व प्रशासन किसी अनहोनी का इंतजार कर रहे हैं। अन्यथा दो वर्ष की अवधि में जर्जर भवन को गिरा कर पुन: निर्माण किया जा चुका होता। संकल्प, समर्पण एवं इच्छा शक्ति हो तो सभी कार्य पूरे किए जा सकते हैं। भविष्य में कोई घटना घटित होती है तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा? सार्वजनिक निर्माण विभाग एक जिम्मेदार विभाग है। उसने अपना कर्तव्य पूरा किया अब प्रशासन की नैतिक जिम्मेदारी है कि जर्जर भवन के साये से भविष्य में होनी वाली किसी अप्रिय घटना से लोगों सुरक्षा मुहैया करावें।
तरूणदास बैरागी,
समाजसेवी (योग शिक्षक)प्रतापगढ़
अक्सर गिरते रहते हैं पत्थर
विगत एक दशक से हम इस विद्यालय भवन को लेकर चिंतिंत है। वर्तमान पार्षद श्यामसुन्दर पालीवाल और मैंने कई बार मौखिक व लिखित जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों को समस्या से अवगत कराया है। बारिश के दिनों में अक्सर जर्जर भवन से पत्थर आदि गिरते रहते है। सार्वनिक निर्माण विभाग ने जब इसे असुरक्षित करार दिया है तो इसके पुनर्निमाण के लिए भी कार्रवाई करें। और आमजन को सुरक्षा प्रदान करावें। क्षेत्र के लोगों की शहर के प्रमुख बाजार में इसी गली से ही आवाजाही रहती है। जर्जर दीवार कभी भी हादसे का सबब बन सकती है।
रामेश्वर लाल टेलर
जिला महामंत्री
भाजपा ओबीसी प्रकोष्ठ, प्रतापगढ़
बॉक्स में …
विडम्बना: भवन एक, स्कूल तीन जगह
राजकीय बालिका महल स्कूल जर्जर भवन के चलते तीन अलग-अलग जगहों पर संचालित किया जा रहा है। कक्षा एक से पांच तक की कक्षा महल स्कूल में संचालित हो रही है, कक्षा 6 से 8 नई आबादी स्थित सूरजपोल स्कूल भवन में तो 9 से 12 तक की कक्षा किला रोड स्थित राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय में इसके चलते प्राचार्य को तीनों स्कूल के प्रबंध एवं देखरेख में काफी समय एवं श्रम भी बर्बाद हो रहा है। वहीं छात्राओं व अभिभावकों को भी आने जाने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। भवन अभाव में कक्षा 6 से 8 तक की कक्षाएं सूरजपोल स्कूल में संचालित हो रही है। जिससे प्रबंधन को लेकर काफी परेशानी हो रही है। यदि जर्जर भवन का पुन: निर्माण हो जाए तो कक्षा 1 से 8 तक की सभी कक्षाएं एक ही विद्यालय में संचालित हो सकेगी।
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