source of income Dolma aआय का जरिया बन रहा डोलमा
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प्रतापगढ़
Published: July 02, 2022 07:47:02 am
जंगल में महुए के पेड़ पर पके फल को एकत्रित कर रहे
कई परिवार जुटे हुए हैं इस कार्य में
प्रतापगढ़. महुए के पेड़ पर पके फल को एकत्रित करने पर आदिवासियों को रोजगार मिल रहा है। इसके फलों को पत्थर आदि से कूटकर साफ किया जा रहा है। इन फलों को बाजार में बेचा जा रहा है। इसे डोलमा कहा जाता है। आदिवासियों को इससे आय हो रही है। जंगलों, खेतों की मेड़ आदि पर महुए के पेड़ पर इन दिनों फल पककर गिर रहे है। ऐसे में लोग इन फलों को एकत्रित करने में लगे हुए है। यह फल उपर से कठोर परत वाला होता है। ऐसे में इसको पत्थर आदि से कूटकर आवरण हटाते है। इसके अंर से फल निकलता है। जो मुलायम होता है। इसे डोलमा और फूल से जहां देशी शराब बनती है। वहीं इसके फल को डोलमा कहा जाता है। जिससे तेल निकाला जाता है। ऐसें में इन दिनों डोलमा एकत्रित किया जा रहा है। जो बाजार में बेचा जाता है।
कई काम में आता डोलमा का तेल
डोलमा का उपयोग आदिवासी वर्ग में कई वर्षों से किया जाता है। इससे तेल निकाला जाता है।जो खाद्य के रूप में काम आता है। इसके साथ ही यह तेल साबून बनाने, औषधीयों में भी काम में लिया जाता है।सख्त आवरण हटाने के बाद जो मुलायम गिरी काम में ली जाती है। एक किलो डोलमा में करीब आधा किलो तेल निकलता है।
नहीं काटते महुए के पेड़
अमुमन जंगलों में खड़े महुए के पेड़ को आदिवासी वर्ग नहीं काटते है। इसका कारण यह है कि इस पेड़ से फूल मिलते है। जो हथकढ़ शराब बनाई जाती है। इसके बाद फल भी काम में लिया जाता है। ऐसे में इस पेड़ से वर्षों तक अच्छी आय मिलती है। ऐसे में इन पेड़ों को आदिवासी कभी नहीं काटते है।
बहुपयोगी है महुआ का पेड़
महुए का पेड़ कई कामों में आता है। इस पेड़ से आदिवासियों को काफी आय मिलती है। इसके फूल, फल आदि को काम में लिया जाता है। जंगलों में महुए के पेड़ की कटाई नहीं होती है। इन दिनों फल पक चुके है। इनको एकत्रित किया जा रहा है।
सुनीलकुमार, उपवन संरक्षक, प्रतापगढ़
कोष कार्यालय और उप कोषालय को नहीं करें बंद
पेंशनर समाज ने सौंपा ज्ञापन
प्रतापगढ़. हाल ही में सरकार की ओर से कोष कार्यालय और उप कोषालय को बंद करने की कवायद की है। ऐसे में इन कार्यालयों को यथावत रखने की मांग मुखर होती जा रही है। इस संबंध में हाल ही में पेंशनर समाज की ओर से मुख्यमत्री के नाम जिला कलक्टर को ज्ञापन दिया गया। जिसमें कहा गया कि इन कार्यालयों को बंद नहीं किया जाए। इन कार्यालयों के बंद होने से काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
समाज के जिला अध्यक्ष मगनीराम सुथार ने बताया कि ज्ञापन में कहा गया कि इन कार्यालयों से पेंशनरों को काफी सुविधा हो गई है। इन कार्यालयों के बंद होने से पेंशनरों को परेशानी उठानी पड़ेगी। वर्तमान में चल रही व्यवस्थाओं को और भी प्रभावी बनाई जाए।

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