scriptस्पार्किंग से लहसुन और चारा जला | Garlic and fodder burn from sparking | Patrika News

स्पार्किंग से लहसुन और चारा जला

locationप्रतापगढ़Published: Apr 23, 2018 06:23:01 pm

Submitted by:

rajesh dixit

स्पार्किंग से लहसुन और चारा जला

pratapgarh
स्पार्किंग से लहसुन और चारा जला
कनाड निकटवर्ती लुपड़ी गांव के एक खेत पर विद्युत लाइन में फाल्ट होने से वहा पड़ा चारा व लसुहन जलकर खाक हो गए।
रामेश्वर पुत्र भेरूलाल डांगी ने बताया कि रात में लाइन फाल्ट होने से खेत पर लगभग 20 क्विंटल लसुहन व घास के पांच सौ पूले जलकर खाक हो गए।
इस दौरान फरेडी गांव से शादी समारोह में से भगवतीलाल डांगी अपने गांव आ रहा था।उसने खेत की तरफ आग की लपटें देख कर ग्रामीणों और रामेश्वर को सूचना देकर बुलाया।
गांव से पानी का टैंंकर लेकर खेत पर पहुंचे व आग बुझाई।
इससे वहां रखी करीब 50 क्विंटल से से 30 क्विंटल लहसुन बचा ली।
यहां से गुजर रही 11 हजार केवी लाइन वहां खजूर से टकराकर लाइन में फाल्ट हो जाता है।
इस संबंध में विद्युत निगम को भी अवगत कराया गया है।
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अब गांवों में जाएगा चिकित्सालय
आगामी माह से गांवों में लगाएंगे स्वास्थ्य शिविर आपके द्वार
मेरा गांव, स्वस्थ्य गांव अभियान 1 मई से 30 जून चलेगा
प्रतापगढ़
सेहत को तंदुरूस्त रखने के लिए स्वास्थ्य विभाग आगामी माह से मेरा गांव, स्वस्थ्य गांव अभियान का आगाज करेगा। यह अभियान दो माह तक 30 जून तक चलेगा। जिसमें ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए चिकित्सा विभाग शिविर लगाएगा। इन शिविरों में बीपी, शुगर, कैंसर, टीबी, स्वाइन फ्लू, मलेरिया, जल एवं कीटजनित बीमारियों की प्रमुखता से जांच एवं उपचार किया जाएगा। इसको लेकर सोमवार को कार्यवाहक जिला कलक्टर हेमेंद्र नागर की अध्यक्षता में बैठक हुई। जिसमें जिले के सभी विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ दिनेश खराड़ी ने बताया कि राजस्व लोक अदालत अभियान न्याय आपके द्वार-2018 के अंतर्गत ’मेरा गांव स्वस्थ गांव अभियान’ के तहत जिले में दो महीने तक ग्राम्य स्तर पर शिविर आयोजित किए जाएंगे। ऐसे मौकों पर ग्रामीणों को बीमारियों की जानकारी दी जाएगी। साथ ही मौके पर स्क्रीनिंग, जांच और दवाइयों की भी व्यवस्था होगी।
कई गतिविधियां भी होंगी आयोजित
इसी के साथ ही गर्मी के मौसम को देखते हुए लू-तापघात, दूषित जल से होने वाली प्रमुख बीमारियों के बारे में भी जानकारी दी जाएगी। उन्होंने बताया कि इस दौरान क्लोरिनेशन एवं साफ -सफाई, एन्टीलार्वल (पानी में टेमिफोस, एमएलओ, गम्बूसिया मछली डालना, एन्टीएडल्ट फॉगिंग, प्रचार-प्रसार गतिविधियां आदि आयोजित की जाएगी।
गांव-गांव में की जाएगी समझाइश
तंबाकू के दुष्परिणाम की जानकारी के लिए आषा सहयोगिनियों के माध्यम से घर-घर धूम्रपान करने वाले लोगों की संख्या पता की जाएगी। इस दौरान प्राप्त होने वाले आकंड़ों की मैपिंग की जाएगी। इसी के साथ ही प्रचार प्रसार के माध्यम से धूम्रपान करने के दुष्परिणाम को बताया जाएगा। आषा द्वारा तम्बाकू उपभोग के सम्बंध में किए गए सर्वे को घर पर प्रदर्षित किया जाएगा।
रंगों से समझे घर में धूम्रपान की स्थिति
काली बिन्दी: धूम्रपान करने वाले घर।
ग्रे रंग बिन्दी: सुपारी अथवा पान-मसाला उपभोग करता है।
बैंगनी बिन्दी: धूम्रपानरहित तंबाकू घर।
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