जिले के स्कूलों में प्रवेशोत्सव 26 से, शिक्षक चुनाव ड्यूटी में, कैसे होगा काम?
बचे हुए शिक्षक परिणाम तैयार करेंगे या प्रवेश दिलाएंगे
जिले के स्कूलों में प्रवेशोत्सव 26 से, शिक्षक चुनाव ड्यूटी में, कैसे होगा काम?
प्रतापगढ़. चुनावी गहमागहमी के बीच शिक्षा विभाग ने सरकारी स्कूलों में प्रवेशोत्सव के पहले चरण की तिथि घोषित कर दी है। पहला चरण 26 अप्रेल से शुरू होकर 9 मई तक चलेगा। लेकिन सबसे बड़ी समस्या यह है कि अधिकांश शिक्षक चुनावी ड्यूटी में व्यस्त है। ऐसे में प्रवेशोत्सव की गतिविधियां कराएगा कौन? जो शिक्षक चुनाव ड्यूटी से मुक्त हैं, वे परीक्षा परिणाम तैयार करने में व्यस्त हैं। ऐसे में आशंका है कि प्रवेशोत्सव कार्यक्रम कहीं औपचारिकता बनकर नहीं रह जाए।
शिक्षा विभाग की ओर से जारी आदेश के अनुसार प्रवेशोत्सव के दौरान नए बच्चों को स्कूल में प्रवेश कराने को लेकर अभिभावकों से सम्पर्क करना, शिक्षक-अभिभावक परिषद की बैठक करना, नामांकन रैली निकालना जैसे कई काम करवाए जाने हैं। प्राइमरी स्कूल के अधिकांश शिक्षकों की ड्यूटी लोकसभा चुनाव में लगी हुईहै। राजस्थान में 29 अप्रेल और 6 मई को मतदान होंगे।
इस दौरान शिक्षा विभाग सहित पूरा अमला चुनाव संपादित कराने में लगा हुआ होगा। ऐसे में प्रवेशोत्सव कार्य के लिए शिक्षक समय नहीं निकाल पाएंगे।
जिले में 2800 शिक्षक चुनाव ड्यूटी में
लोकसभा चुनाव के मद्देनजर 700 मतदान दलों में 28 सौ अध्यापक तैनात किए गए है। विभिन्न प्रकोष्ठों चुनाव सामग्री वितरण प्रकोष्ठ, वाहन प्रकोष्ठ, मतपेटियां संग्रहण प्रकोष्ठ समेत विभिन्ऩ प्रकोष्ठ गठित है, जिनमें 4 सौ अध्यापकों लगे हैं। ऐसे में प्रवेशोत्सव कही औपचारिक बन कर न रह जाए? जिले में कई विद्यालय एकल शिक्षक वाले हैं। उनके सामने भी कई परेशनियां है। मसलन उन्हें ही परीक्षा परिणाम तैयार करना है और वे ही वार्षिक रिपोर्ट तैयार करेंगे। ऐसे उनके पास दर्जनों कार्य है। इन सब कामों के बीच प्रवेशोत्सव के लिए समय कैसे निकाल पाएंगे?
ये काम होंगे प्रवेशोत्सव में
प्रवेशोत्सव के तहत प्रथम चरण 26 अप्रेल से 9 मई तक चलेगा। तेरह दिवसीय इस चरण में स्वयं प्रवेश लेने वाले बच्चों का प्रवेश करवाना से लेकर साधारण सभा, शिक्षक-अभिभावक परिषद की संयुक्त बैठक, प्रार्थना सभा में बच्चों का तिलकार्चन स्वागत सत्कार, विद्यालय परिसर की साज सज्जा, वृक्षारोपण, घर-घर सम्पर्क, स्थानीय जनप्रतिनिधियों, अभिभावकों एवं बच्चों के साथ रैली,मोहल्ला बैठक, स्थानीय प्रतिनिधि, सरपंच, वार्डपंच का सम्बोधन कराना, बालसभा, खेलकूद प्रतियोगिताएं बाल मेलों का आयोजन, प्रभात फेरी, पुस्तक प्रदर्शनी आदि का आयोजन कर प्रवेशोत्सव के तहत अधिक से अधिक नवप्रवेशी बच्चों का नामांकन करना आदि कार्य करवाए जाने प्रस्तावित है। लेकिन ये तभी संभव होगा जब विभाग के पास इन दिनों पर्याप्त स्टाफ उपलब्ध हो।
सामंजस्य बिठाना पड़ेगा
&प्रवेशोत्सव की तैयारियां की जा चुकी है। सभी विद्यालयों के संस्था प्रधानों को इसके लिए पूरी तरह से मुस्तैद किया गया है। ये सही है कि अधिकांश शिक्षकों की चुनाव में ड्यूटी लगी हुई है । बावजूद इसके कोई परेशानी नहीं होगी। केवल 28 व 29 अप्रेल दो दिन के लिए ही शिक्षक व्यस्त रहेंगे। कुल मिलाकर सामंजस्य बिठाकर काम करना होगा।
डॉ. शाांतिलाल शर्र्मा, जिला शिक्षा अधिकारी(माध्यमिक), प्रतापगढ़
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