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प्रतापगढ़

‘फूल’ बनकर भी मिली खुशी

-अप्रेल फूल्स डे पर लोगों ने एक दूसरे को जमकर बनाया फूल

प्रतापगढ़Apr 01, 2018 / 08:44 pm

Rakesh Verma

pratapgarh
प्रतापगढ़ कांठल में रविवार को लोगों ने एक-दूसरे को जमकर फूल बनाया। एक अप्रेल को फूल्स डे होने के चलते सुबह से लोगों ने एक दूसरे को मनगंढ़त बाते बनाकर ***** बनाया। हर वर्ग के लोगों ने इस दिन का भरपूर फायदा उठाते हुए जीवन में कुछ यादगार पलों को संजोया। फूल बनाने का यह सिलसिला देर तक शाम तक चलता रहा।
परेशानी के बाद खुशी
अप्रेल फूल बनने पर लोगों को थोड़े समय के लिए परेशानी का सामना भी करना पड़ा, लेकिन बात में हकीकत सामने आते ही उनके चेहरे पर हंसी खिल गई। इस भागदौड़ भरी जीवनशैली में इस छोटे से मजाक ने तनाव से थोड़ी राहत दी और लोगों ने अपने अन्दर एक अलग सी खुशी महसूस की।
बच्चों ने भी लिया मजा
बड़ो के साथ बच्चों ने भी फूल्स डे का जमकर मजा लिया। बच्चों ने भी अपनी मम्मी के साथ मिलकर पापा को तो पापा के साथ मिलकर मम्मी को और दोनों के साथ मिलकर अपने परिजनों और रिश्तेदारों को ***** बनाया। कई लोगों का अप्रेल फूल तो ऐसा मना जो ताउम्र उन्हे एक खुशगवार लम्हे के रुप में याद रहेगा।
फोन पर भी चला सिलसिला
अपनों से दूर रहने वाले चाहे और कोई त्यौहार नही मना पाते हो, लेकिन उन्होंने फोन के माध्यम से दूरदराज रहने वाले अपने परिजनों, रिश्तेदारों व मित्रों के साथ अप्रेल फूल शानदार तरीके से मनाया। फोन पर ***** बनाने के बाद अपनों के साथ उनकी खुशी देखते ही बन रही थी।
व्हाटसअप पर छाया रहा
मोबाइल पर व्हाटसअप और फेसबुक के माध्यम से भी लोगों ने एक-दूसरे को जमकर अप्रेल फूल बनाया। कई गॉसिप के माध्यम से लोग एक-दूसरे को फूल बनाने में लगे रहे।
गलत भी समझा
अप्रेल फूल होने के कारण कई लोगों ने दूसरों की किसी बात पर यकीन भी नही किया। उन्होंने सोचा कि सामने वाला उन्हे अप्रेल फूल बना रहा है। लोगों को एक दूसरे को यह समझाने में काफी समय लगा कि वे सच बोल रहे है, यहां तक की उन्हे कसमें तक खानी पड़ी।
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आवारा मवेशियों से ग्रामीण परेशान
कई गांवों में घूम रहे मवेशी
प्रतापगढ़
जिले में इन दिनों आवारा मवेशी घूम रहे है।जो ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बन गए है। आसपास के गांवों सहित समूचे क्षेत्र में आवारा पशुओं की समस्या गहराती जा रही है। ऐसे पशु दिन-रात सडक़ों और रिहायशी इलाके में घूमते रहते हैं।जिससे हर वक्त बड़े हादसे का खतरा बना रहता है। प्रशासन आवारा पशुओं की स्थिति से वाकिफ होने के बावजूद आवारा पशुओं की समस्या से निजात दिलाने में असहाय साबित हो रहा है तथा पूरी तरह बेबस नजर आ रहा है।
गांवों में आवारा पशुओं की संख्या दिनोंदिन बढ़ती जा रही है जिस कारण ग्रामीण भी परेशान हैं। प्रशासन से आवारा पशुओं की समस्या से निजात दिलाने की मांग की है। गांवों की गलियों, सडक़ों व सार्वजनिक स्थानों सहित खेतों में दर्जनों की संख्या में आवारा पशुओं के झुंड घूम रहे हैं। इसके कारण वाहन चालकों व दुकानदारों के अलावा ग्रामीणों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। सडक़ों पर घूमते देखे जा सकते हैं। जो कई बार वाहन के सामने आ जाते हैं और दुर्घटना का कारण बनते हैं। यही पशु सडक़ों पर गंदगी भी फैलाते हैं और बीमारियों का कारण भी बनते हैं। पशुओं को सडक़ों पर खुला छोड़ देते हैं। जब गाय दूध देना बंद कर देती है तो उसके बाद उसे खुला छोड़ देते है। यही पशु सडक़ों पर घूमते रहते हैं और कई बार दुर्घटनाओं का कारण बनते हैं। उन्होंने बताया कि आवारा पशु खेतों में घुसकर भी नुकसान करते हैं। जिससे किसानों को भारी परेशानी उठानी पड़ती है। ऐसे में किसान रात.रात भर जागकर व कभी खेत की रक्षा के लिए कांटेदार तार लगाने के लिए मजबूर हैं।
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