यह है मामला
-प्रतापगढ़-छोटीसादड़ी के बीच स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग 113 का निर्माण अगस्त 2015 में हुआ।
-यह कार्यपीपीपी मोड पर मैसर्सचेतक टोलवेज प्रा. लि. ने किया।
-इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रतापगढ-छोटीसादडी के बीच 8.3 किलोमीटर हिस्सा वन क्षेत्र होने के कारण वन विभाग ने आपत्ति की। तो यह हिस्सा बिना निर्माण किए ही छोड़ दिया गया।
-महीनों तक चले लम्बे पत्राचारों के बाद 6 नवम्बर 2017 को वन विभाग, लखनऊ ने इस रोडनिर्माण की अनुमति दी।
-प्रतापगढ़-छोटीसादड़ी के बीच स्थित राष्ट्रीय राजमार्ग 113 का निर्माण अगस्त 2015 में हुआ।
-यह कार्यपीपीपी मोड पर मैसर्सचेतक टोलवेज प्रा. लि. ने किया।
-इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर प्रतापगढ-छोटीसादडी के बीच 8.3 किलोमीटर हिस्सा वन क्षेत्र होने के कारण वन विभाग ने आपत्ति की। तो यह हिस्सा बिना निर्माण किए ही छोड़ दिया गया।
-महीनों तक चले लम्बे पत्राचारों के बाद 6 नवम्बर 2017 को वन विभाग, लखनऊ ने इस रोडनिर्माण की अनुमति दी।
अब क्यों अटक रहा
वन विभाग ने अनुमति दे दी। इसके बाद राष्टीय राजमार्ग प्राधिकरण ने पीपीपी मोड पर निर्माण करने वाले ठेका कम्पनी को शेष 8.3 किलोमीटर हिस्से के निर्माण के लिए पत्र लिखा। लेकिन उधर इस ठेका कम्पनी ने भूतल परिवहन मंत्रालय को पत्र लिखा कि इस रोड के शेष हिस्से के निर्माण के लिए करीब 30 करोड़ रुपए की जररुत होगी। इसके लिए ऋण दिया जाए।
वन विभाग ने अनुमति दे दी। इसके बाद राष्टीय राजमार्ग प्राधिकरण ने पीपीपी मोड पर निर्माण करने वाले ठेका कम्पनी को शेष 8.3 किलोमीटर हिस्से के निर्माण के लिए पत्र लिखा। लेकिन उधर इस ठेका कम्पनी ने भूतल परिवहन मंत्रालय को पत्र लिखा कि इस रोड के शेष हिस्से के निर्माण के लिए करीब 30 करोड़ रुपए की जररुत होगी। इसके लिए ऋण दिया जाए।
विभाग ने किया स्पष्ट मना
पिछले महीने 22 मार्च को जयपुर में विभाग की मीटिंग हुई। जिसमें ठेका कम्पनी को निर्देशित किया कि अपने स्तर पर ही रोडका निर्माण कार्य के लिए आवश्यक धनराशि की व्यवस्था करे।रोड का शेष कार्यजल्द पूरा किया जाए।
पिछले महीने 22 मार्च को जयपुर में विभाग की मीटिंग हुई। जिसमें ठेका कम्पनी को निर्देशित किया कि अपने स्तर पर ही रोडका निर्माण कार्य के लिए आवश्यक धनराशि की व्यवस्था करे।रोड का शेष कार्यजल्द पूरा किया जाए।
सरकार से फिर करेंगे प्रयास
-एनएच 113 के शेष हिस्से के निर्माण के लिए ऋण की मांग की थी। लेकिन अभी अनुमति नहीं मिली है। सरकार से फिर से प्रयास किए जाएंगे। हमने सरकार को बता दिया है कि एनएच का प्रोजेक्ट पूरा हो गया है, ऐसे में बैंक भी लोन नहीं दे रही है।
संजीव भटनागर, प्रोजेक्ट मैनेजर, चेतक टोलवेज प्राइवेट लिमिटेड
-एनएच 113 के शेष हिस्से के निर्माण के लिए ऋण की मांग की थी। लेकिन अभी अनुमति नहीं मिली है। सरकार से फिर से प्रयास किए जाएंगे। हमने सरकार को बता दिया है कि एनएच का प्रोजेक्ट पूरा हो गया है, ऐसे में बैंक भी लोन नहीं दे रही है।
संजीव भटनागर, प्रोजेक्ट मैनेजर, चेतक टोलवेज प्राइवेट लिमिटेड
ठेका कम्पनी को किया पाबंद
-एनएच के शेष 8 किलोमीटर हिस्से को पूरा करने के लिए ठेका कम्पनी को पाबंद किया है। ऋण मांगा था, लेकिन भूतल परिवहन विभाग ने ऋण देने से मना करने और अपने ही स्तर पर रोड निर्माण करने के लिए निर्देशित किया है।
हरगोविन्द शर्मा, एईएन, एनएच
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