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प्रतापगढ़

ये कैसा प्रशासन ‘शहरों’ के संग अभियान, प्रशासन आया न शहरवासी

-नगर परिषद ने बगवास में लगाया था कैंप- एक भी पट्टा नहीं बंटास्थान : बगवास स्थित सामुदायिक भवन

प्रतापगढ़May 05, 2022 / 08:34 pm

Ram Sharma

ये कैसा प्रशासन ‘शहरों’ के संग अभियान, प्रशासन आया न शहरवासी

ये कैसा प्रशासन ‘शहरों’ के संग अभियान, प्रशासन आया न शहरवासी


समय: सुबह 12.30 बजे
आंखो देखी: नगर परिषद के इस कैंप में कुछ कर्मचारी मौजूद थे। जो मोबाइल में व्यस्त थे। आम जनता की ओर से एक भी व्यक्ति मौजूद नहीं था। एक कर्मचारी से पूछा कि हमें पट्टा लेना है, उसने टका सा जवाब दिया- ‘नहीं मिलेगा’। क्यों? उसने कहा- ‘अभी नगर परिषद में कोई आयुक्त ही नहीं है। साइन कौन करेगा?
प्रतापगढ़. यह हाल था बुधवार को नगर परिषद की ओर से वार्ड-2 बगवास में आयोजित ‘प्रशासन शहरों के संग’ शिविर का। शिविर आयोजित करने के नाम पर पूरी तरह लीपापोती की गई। शिविर में न तो पूरे अधिकारी आए और न ही शहरवासी। विडंबना तो यह थी कि नगर परिषद में बुधवार के दिन कोई आयुक्त का पदभार किसी के अधिकारी के पास नहीं था। कार्यवाहक आयुक्त का काम देख रहे सहायक नगर नियोजक रमेश परिहार के पास भी इसका संशोधित आदेश नहीं आया था।
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नगर परिषद ने प्रशासन शहरों के संग अभियान की पूरी झांकी सजाई। बगवास के सामुदायिक भवन में अन्य कैंपों की तरह अलग-अलग डेस्क बनाई गई। वहां कर्मचारी भी बैठाए गए। लेकिन कर्मचारी काम करने के बजाय मोबाइल चलाने में ज्यादा व्यस्त रहे। क्योंकि उनके पास कोई काम नहीं था। जब यह संवाददाता दोपहर साढे बारह बजे आम आदमी के रूप में वहां पहुंचा तो जो नजारा दिखा, वह सरकार पर कलंक ही था। शिविर में आम आदमी मौजूद नहीं था। कर्मचारी काम करने के बजाय टरका रहे थे। सबके पास एक ही जवाब था- नगर परिषद में आयुक्त ही नहीं है, साइन कौन करेगा? यह सवाल सही भी था।
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एक भी पट्टा नहीं बंटा
प्रशासन शहरों के संग शिविर आयोजित करने के पीछे सरकार का मुख्य उद्देश्य शहरों में लोगों को उनकी संपत्ति के पट्टे देना था। लेकिन इस शिविर में एक भी पट्टा नहीं दिया गया। क्योंकि पट्टों पर आयुक्त के दस्तखत होते हैं और यहां लंबे समय से आयुक्त का पद रिक्त है।
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पहले ही पता था, कुछ नहीं होगा
स्थानीय पार्षद मनीष गुर्जर का कहना था कि यह शिविर मात्र खानापूूर्ति के लिए लगाया गया था। जब परिषद में आयुक्त का पद खाली चल रहा है तो काम होंगे कैसे? इसलिए मैंने भी वार्ड की जनता को नहीं बुलाया। वे नाराजगी जाहिर करते हुए कहते है, ‘जब पहले से ही पता है कि जनता के कोई काम इस शिविर में नहीं होंगे तो पब्लिक को बुलाकर क्या करेें।’ उनका कहना था कि मकानों के पट्टे देना शिविर का मुख्य उद्देश्य है। लेकिन परिषद में पट्टों का वितरण होना तो दूर आवेदनों पर कोई कार्रवाई ही नहीं हो रही। ऐसे में जनता आकर भी क्या करें।

पन्द्रह दिन के लिए बनाया जा रहा कार्यवाहक आयुक्त
नगर परिषद में गत दो साल से स्थायी आयुक्त नहीं आए हैं। सरकार कार्यवाहक आयुक्त का कार्यभार पन्द्रह पन्द्रह दिन के लिए देती है। इन दिनों यह कार्यभार सहायक नगर नियोजक रमेश परिहार के पास चल रहा था। लेकिन उनके पन्द्रह दिन भी पूरे हो गए। बुधवार को उनके पास भी इसका कोई चार्ज नहीं आया था।
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आयुक्त के बिना कुछ नहीं कर सकते
आज के दिन आयुक्त का पदभार किसी के पास नहीं है। पट्टे पर आयुक्त के ही दस्तखत होते हैं। लेकिन जब आयुक्त ही नहीं है तो पट्टे कैसे बनें। इसके लिए स्थानीय निकाय विभाग को लिख दिया है। आगे की कार्रवाई सरकार ही करेगी।
– रमेश परिहार, सहायक नगर नियोजक, प्रतापगढ़

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