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प्रतापगढ़

एक सप्ताह में दो पैंथर की मौत बनी पहेली बीमारी या भूख से हुई मौत

प्रतापगढ़जिले में एक सप्ताह में दो पैंथर की मौत रहस्यमयी तरीके से हो गई। दोनों नर पैंथर थे, जो भूखे तो थे ही, इनके सभी अंग सही-सलामत थे। दो पैंथर की रहस्यमयी मौत को लेकर वन विभाग भी इसे लेकर सचेत हो गया है। पीपलखूंट इलाके में हुई मौत का कारण प्रथम दृष्ट्या भूख से बताया गया है। हालांकि इसकी विसरा रिपोर्ट आना बाकी है।

प्रतापगढ़Feb 25, 2020 / 11:39 am

Devishankar Suthar

एक सप्ताह में दो पैंथर की मौत बनी पहेली बीमारी या भूख से हुई मौत

एक सप्ताह में दो पैंथर की मौत बनी पहेली बीमारी या भूख से हुई मौत


एक सप्ताह में दो पैंथर की मौत बनी पहेली
बीमारी या भूख से हुई मौत
जांच रिपोर्ट के बाद ही कारण का चले सकेगा पता
प्रतापगढ़
जिले में एक सप्ताह में दो पैंथर की मौत रहस्यमयी तरीके से हो गई। दोनों नर पैंथर थे, जो भूखे तो थे ही, इनके सभी अंग सही-सलामत थे। दो पैंथर की रहस्यमयी मौत को लेकर वन विभाग भी इसे लेकर सचेत हो गया है। पीपलखूंट इलाके में हुई मौत का कारण प्रथम दृष्ट्या भूख से बताया गया है। हालांकि इसकी विसरा रिपोर्ट आना बाकी है। ऐसे में दलोट वन क्षेत्र में भी एक और नर पैंथर की भी मौत हो गई। दोनों नर पैंथर का शिकार नहीं होना और प्राकृतिक मौत होना वन विभाग के लिए पहेली बन गया है। पीपलखूंट और दलोट के वन क्षेत्र में जिन स्थानों पर पैंथर के शव पाए गए है। दोनों के बीच की दूरी करीब १५ किलोमीटर ही है। ऐसे में विभाग की ओर से पैंथर की हुई मौतों के मामले की सभी दृष्टिकोण से जांच की जा रही है।
नहीं हुआ दोनों पैंथर का शिकार
एक सप्ताह में दो नर पैंथर की मौत हुई है। दोनों पैंथर के शवों पर कोई भी चोट के निशान नहीं पाए गए है। वहीं दोनों पैंथर के सभी अंग सही-सलामत पाए गए है। जिसमें दांत, नाखून आदि सही-सलामत पाए गए है। ऐेसे में इनका शिकार नहीं होना सामने आया है।
दलोट के जंगल में मृत मिला पैंथर
मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम कर किया अंतिम संस्कार
दलोट
दलोट वन खंड क्षेत्र के कानगढ़़ पंचायत के हमीरपुरा पठार में सतीमाता नाले के पास एक पैंथर मृत अवस्था में मिला। यहां वनकर्मी को गश्त के दौरान शव दिखाई दिला। जिसकी सूचना मिलते ही रेंज के मय रेस्क्यू टीम क्षेत्रीय वन अधिकारी दारासिंह राणावत मौके पर पहुंचे। शव के पोस्टमार्टम के लिए उच्च अधिकारियों से वार्ता की। तीन पशु चिकित्सकीय दल का बोर्ड गठित किया गया। पैंथर के शव को वन विभाग कर्मचारियों ने ट्रैक्टर-ट्रॉली में डालकर दलोट वन नाका परिसर में लाया गया। जिसका सोमवार सुबह डॉ. जयप्रकाश प्रतानी, डॉक्टर मुकेश कुमार मीणा और डॉक्टर अब्दुल कादिर खान की टीम ने पैंथर का पोस्टमार्टम किया गया। इस दौरान सालमगढ़ थानाधिकारी केशुलाल खटीक, दलोट पटवारी मदनसिंह मोहील, ग्राम पंचायत दलोट सरपंच इंद्रा मीणा तथा स्थानीय अधिकारी व कर्मचारी मौजूद रहे। पैंथर के सभी अंग सही पाए गए। शरीर पर कोई चोंट के निशान नहीं मिले। पोस्टमार्टम के बाद पैंथर का संपूर्ण अंगों का अंतिम संस्कार किया गया। बताया गया कि पैंथर की उम्र लगभग 4 वर्ष थी। इसका पेट भी खाली पाया गया। विसरा लिया गया है, जो जांच के लिए उदयपुर भिजवाया गया है। इस दौरान रामनारायण डांगी, मोहनलाल, घनश्याम कुमावत, भूपेंद्रसिंह, नारायणलाल, दीपक मीणा, भेरूलाल मीणा, कृपाल मीणा, प्रकाश पाटीदार, सुरेश मीणा, श्यामलाल, सुखराम मीणा आदि मौजूद रहे।
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