ऐसे तो बंद हो जाएगा रोडवेज का प्रतापगढ़ डिपो
परिवहन निगम ने छह खटारा बसें प्रतापगढ़ भेजी, सात चालू बसें उदयपुर मांगीजिले में बसों की संख्या हो जाएगी खासी कम
ऐसे तो बंद हो जाएगा रोडवेज का प्रतापगढ़ डिपो
प्रतापगढ़. यहां के रोडवेज डिपो में बसों की पहले से ही कमी है, ऊपर से राजस्थान परिवहन निगम ने सात बसें उदयपुर डिपो में भेजने को कहा है। साथ ही डिपो में छह खटारा बसें यहां भेज दी गई। ऐसे में डिपो के पास रूट पर चलाने के लिए 13 बसों की कमी हो जाएगी और डिपो का परिचालन संकट में पड़ जाएगा।निगम में गत माह बसों के रूटों का समानीकरण करने के बाद दो रूटों पर गाज गिरी थी। इसमें से प्रतापगढ़- अहमदाबाद रूट पर एक बस बंद कर दी गई, जबकि उदयपुर से इंदौर चलने वाली बस की दूरी कम कर रतलाम तक ही रखा है। यह बस अब रात को साढ़े 11 बजे प्रतापगढ़ से निकली है व रतलाम से सुबह 8 बजे रवाना होती है। जानकारों के अनुसार निगम में बस रूटों के समानीकरण के बाद प्रतापगढ़ डिपो से सात बसें उदयपुर डिपो भेजने के निर्देश निगम मुख्यालय ने जारी किए हैं, जबकि वर्तमान में सात खटारा बसें डिपो में पहले से ही है, जिनमें से एक बस जोधपुर के केन्द्रीय कार्यशाला में गई हुई है। डिपो प्रबंधन का कहना है कि इन बसों में से कईतो उदयपुर डिपो से यहां भेजी गईहै, जो अब मरम्मत होकर ऑनरूट आने के लायक ही नहीं है। ऐसे में यदि अब छह चालू बसें उदयपुर डिपो में भेज दी जाएंगी तो प्रतापगढ़ में डिपो का संचालन होना ही मुश्किल हो जाएगा।33 शिड्यूल नए बने, 13 हजार किलो का लक्ष्य मिला:रोडवेज रूटों के समानीकरण के बाद प्रतापगढ़ डिपो को बसों के 33 नए शिड्यूल बना गए हैं। यानि अब 33 रूटों पर बस चलेंगी। इससे पहले 35 शिड्यूल थे। दो रूटों पर यात्री भार कम आने के कारण बसें बंद कर दी गई। अब 42 बसों में 13 अनबंधित बसें हैं। अब प्रतापगढ़ रोडवेज डिपो प्रबंधन की चिंता यह है कि इन 42 में से 7 बसे उदयपुर डिपो में मंगवा रहे हैं, जबकि छह बसे खटारा है। ऐसे में 29 बसों से 33 रूट पर बसें कैसे चला सकेंगे।सर्दी के कारण बंद हुई है कुछ बसेंइस मामले में परिवहन निगम के जयपुर स्थित मुख्यालय पर अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई तो वे बात करने से बचते रहे। निगम के कार्यकारी निदेशक यांत्रिक ललित शर्मा से इस बारे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि निगम के जनसम्पर्क अधिकारी से इस बारे में पूछे। जब निगम के पीआरओ को फोन लगाया तो उन्होंने कार्यकारी निदेशक यातायात यूडी खान को फोन लगाने को कहा।कार्यकारी निदेशक खान ने कहा कि हर साल सर्दी में 30 अक्टूबर तक रूटों में बदलाव होते हैं। उस समय घाटे में चल रहे रूटों को बंद किया जाता है। प्रतापगढ़ में ही ऐसा ही हुआ होगा। ऑनरूट बसों को उदयपुर भेजने की जानकारी नहीं है। इसके बारे में मैं कल पता लगवाता हूं। डिपो को बंद करने के बारे में फिलहाल कोई योजना नहीं है।निगम के प्रतापगढ़ डिपो में परिचालन आंकड़ों की बात करें तो डिपो इस वर्ष निरंतर बेहतर प्रदर्शन कर रहा है। डिपो को इस वर्ष 31 दिसम्बर तक के लिए 70 यात्रीभार प्रति बस दिया गया था। जो इस वर्ष नवम्बर में ही 72 तक पहुंच गया। जबकि गत वर्ष नवम्बर में यह मात्र 61 ही था। यानि गत वर्ष की तुलना में यात्री भार में 11 अंक का सुधार हुआ है। इसी प्रकार डिपो को 30.54 प्रति किलोमीटर आय (ईपीकेएम) का लक्ष्य दिया गया था। जो इस वर्ष नवम्बर में ही लक्ष्य के मुकाबले 31.63 हो गया। प्रतिवर्ष के राजस्व के लिहाज से भी प्रतापगढ़ डिपो ने बेहतर प्रदर्शन किया है। गत वर्ष डिपो ने वर्ष भर में 1.02 करोड़ का राजस्व दिया था, जो इस वर्ष नवम्बर में ही 1.05 करोड को छू गया, जबकि अभी इस वर्ष में एक माह शेष है।बसें जाने से डिपो संचालन में परेशानी होगी&निगम मुख्यालय से आदेश आए हैं कि सात बसें उदयपुर भेजी जाए। यहां से चालू बसें भेजने में डिपो के संचालन पर असर पड़ेगा। हालांकि मुख्यालय का निर्देश मानना ही पड़ेगा। कर्मचारियों की टीम भावना से काम करते हुए डिपो को बेहतर प्रदर्शन पर लाकर खड़ा किया है। जितेन्द्र मीणा, मुख्य प्रबंधक, राजस्थान परिवहन निगम, प्रतापगढ़
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