डेढ़ लाख खर्च, नहीं हुआ उपचार
जिले के पहाड़ी इलाके में तीन बच्चे गंभीर बीमारी से ग्रसित होना सामने आया है। इसमें अचलपुर पंचायत के खेरियामगरी व आमलीफला के 3 बच्चे है। इनमें 2 बच्चे 10-10 साल के है। जिनको ये बीमारी जब वो लगभग 2 साल के थे, तब शुरु हुई। इन दोनों के माता-पिता ने काफी उपचार कराया पर उन्हें ठीक उपचार नहीं मिला। एक का नाम रामलाल पुत्र भंवरलाल निवासी महुड़ी फला व दूसरे का नाम खानू पुत्र नाथू मीणा निवासी खैर मगरी अचलपुर हैं। रामलाल के पिता का कहना है कि उसका यह इकलौता बेटा है। इसके इलाज में लगभग डेढ़ लाख रुपए लगा चुका है। सरकारी और प्राइवेट इलाज से बच्चा ठीक नहीं हुआ। खानू के पिता नाथू ने बताया कि कई जगह उपचार कराया पर ठीक नहीं हुआ। अब उसके छोटे बेटे राहुल को भी यह बीमारी शुरु हो गई है। इस संबंध में प्रयास के जिला समन्वयक जवाहरसिंह डांगूर ने बताया कि इन बच्चों के उपचार के लिए चिकित्सा विभाग से सम्पर्क किया गया है।
विभाग का दावा-साढ़े १३ हजार का उपचार
चिकित्सा विभाग की ओर से जिले में चलाए जा रहे आरबीएसके के तहत डेढ़ लाख बच्चों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। इसमें साढ़े १३ हजार का उचपार उच्च संस्थानों में कराया जा चुका है। वहीं १० हजार बच्चों का ऑपरेशन किए गए है। जबकि अब तक १०२ बच्चों के जटिल ऑपरेशन करवाया जा चुका है।
जिले के पहाड़ी इलाके में तीन बच्चे गंभीर बीमारी से ग्रसित होना सामने आया है। इसमें अचलपुर पंचायत के खेरियामगरी व आमलीफला के 3 बच्चे है। इनमें 2 बच्चे 10-10 साल के है। जिनको ये बीमारी जब वो लगभग 2 साल के थे, तब शुरु हुई। इन दोनों के माता-पिता ने काफी उपचार कराया पर उन्हें ठीक उपचार नहीं मिला। एक का नाम रामलाल पुत्र भंवरलाल निवासी महुड़ी फला व दूसरे का नाम खानू पुत्र नाथू मीणा निवासी खैर मगरी अचलपुर हैं। रामलाल के पिता का कहना है कि उसका यह इकलौता बेटा है। इसके इलाज में लगभग डेढ़ लाख रुपए लगा चुका है। सरकारी और प्राइवेट इलाज से बच्चा ठीक नहीं हुआ। खानू के पिता नाथू ने बताया कि कई जगह उपचार कराया पर ठीक नहीं हुआ। अब उसके छोटे बेटे राहुल को भी यह बीमारी शुरु हो गई है। इस संबंध में प्रयास के जिला समन्वयक जवाहरसिंह डांगूर ने बताया कि इन बच्चों के उपचार के लिए चिकित्सा विभाग से सम्पर्क किया गया है।
विभाग का दावा-साढ़े १३ हजार का उपचार
चिकित्सा विभाग की ओर से जिले में चलाए जा रहे आरबीएसके के तहत डेढ़ लाख बच्चों की स्क्रीनिंग की जा चुकी है। इसमें साढ़े १३ हजार का उचपार उच्च संस्थानों में कराया जा चुका है। वहीं १० हजार बच्चों का ऑपरेशन किए गए है। जबकि अब तक १०२ बच्चों के जटिल ऑपरेशन करवाया जा चुका है।
कीटनाशकों का दुष्प्रभाव, गाजरघास
गत वर्षों से खेती में कीटनाशकों का उपयोग काफी बढ़ गया है। इससे एलर्जी, त्वचा संबंधी रोग व अन्य बीमारियां बढ़ गई है। वहीं गाजरघास भी चारों तरफ फैल गई है। ऐसे में यह बीमारियों का कारण बन चुकी है। हमें अभी से सावचेत होना पड़ेगा। गाजरघास का उन्मूलन करना आवश्यक है। वहीं खेती में रसायन का प्रयोग बंद कर जैविक खेती की तरफ उन्मुख होना पड़ेगा।
डॉ. ओपी दायमा, वरिष्ठ विशेषज्ञ, जिला चिकित्सालय
की जा रही स्क्रीनिंग, भेजा जाएगा उदयपुर
जिले में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत विभिन्न शिक्षण संस्थानों, आंगनबाड़ी, मदरसों में बच्चों की स्क्रीनिंग की जाती है। जिसमें से बीमारी से ग्रसित बच्चों का उपचार कराया जाता है। जिले में त्वचा संंबंधी रोग से ग्रसित बच्चों की संख्या भी बढऩे लगी है। तीन बच्चों में त्वचा की गंभीर बीमारी सामने आई है। तीनों को जिला चिकित्सालय में लाया गया है। यहां से तीनों को उदयपुर भेजने की कार्रवाई की जा रही है।
गत वर्षों से खेती में कीटनाशकों का उपयोग काफी बढ़ गया है। इससे एलर्जी, त्वचा संबंधी रोग व अन्य बीमारियां बढ़ गई है। वहीं गाजरघास भी चारों तरफ फैल गई है। ऐसे में यह बीमारियों का कारण बन चुकी है। हमें अभी से सावचेत होना पड़ेगा। गाजरघास का उन्मूलन करना आवश्यक है। वहीं खेती में रसायन का प्रयोग बंद कर जैविक खेती की तरफ उन्मुख होना पड़ेगा।
डॉ. ओपी दायमा, वरिष्ठ विशेषज्ञ, जिला चिकित्सालय
की जा रही स्क्रीनिंग, भेजा जाएगा उदयपुर
जिले में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत विभिन्न शिक्षण संस्थानों, आंगनबाड़ी, मदरसों में बच्चों की स्क्रीनिंग की जाती है। जिसमें से बीमारी से ग्रसित बच्चों का उपचार कराया जाता है। जिले में त्वचा संंबंधी रोग से ग्रसित बच्चों की संख्या भी बढऩे लगी है। तीन बच्चों में त्वचा की गंभीर बीमारी सामने आई है। तीनों को जिला चिकित्सालय में लाया गया है। यहां से तीनों को उदयपुर भेजने की कार्रवाई की जा रही है।
डॉ. रईश अहमद
ब्लॉक कॉर्डिनेटर, आरबीएसके प्रतापगढ़
ब्लॉक कॉर्डिनेटर, आरबीएसके प्रतापगढ़