प्रतापगढ़/धरियावद
क्षेत्र में प्रचंड गर्मी एवं लू का प्रकोप लगातार जारी हैं। बुधवार सुबह से जारी गर्म हवा के थपेडों ने आमजन को देेर शाम तक परेशान किए रखा। दोपहर को बाजारों में आवाजाहीं कम रही। वहीं कूलर पंखे, एसी भी गर्मी की तीव्रता के आगे बेअसर सबित हुए। आलोकऋतू वैधशाला के अनुसार बुधवार को अधिकतम तापमान ४६.६ डिग्री दर्ज किया गया।
पारा चढ़ा, रहना संभल के
प्रतापगढ़
अत्यधिक गर्मी बढऩे के कारण लू-तापघात की बढ़ती सम्भावना को देखते हुए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने चिकित्सा अधिकारियों, कर्मचारियों व आमजन को विशेष अहतियात बरतने के निर्देश दिए गए हैं। सीएमएचओ डॉ. दिनेश खराड़ी ने सभी स्वास्थ्यकर्मी को निर्देश दिए कि वे स्वास्थ्य केन्द्रों पर चाक-चौबंद व्यवस्था करके अलर्ट रहें। साथ ही भीषण गर्मी व सूखे मौसम में लू-तापघात की बढ़ती समस्या के मद्देनजर रोगियों के लिए बैड आरक्षित कर शुद्ध पेयजल, आपातकालीन किट, ओआरएस, रिगरलेकट्रेट, आरएल फ्लूड एवं आवश्यक दवाइयों की व्यवस्था सुनिश्चित करें। डॉ खराड़ी ने कहा कि मौसमी बीमारियों के मद्देनजर स्वास्थ्य केन्द्र प्रभारी से लेकर एएनएम तक सभी शत-प्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करें, एवं बिना उच्चाधिकारियों के अपना मुख्यालय कतई नहीं छोड़े। इसी के साथ उल्टी-दस्त-बुखार के रोगियों पर विशेष नजर रखने एवं सूचना जिला मुख्यालय पर निर्देशित किया।
बचाव के लिए ये सावधानियां बरतें
संभव हो धूप में न निकलें। अगर धूप में जाना पड़े, तो शरीर पूर्ण तरह से ढंका हो। धूप में बाहर जाते समय हमेशा सफेद या हल्के रंग के ढीले व सूती कपड़ों का उपयोग करें। बहुत अधिक भीड़, गर्म घुटन भरे कमरों में बैठने से बचें। रेल या बस आदि की यात्रा अत्यावश्यक होने पर ही करें। खाली पेट घर से बाहर न निकलें। भोजन करके एवं पानी पीने के बाद ही घर से बाहर निकलें। ऐसे मौसम में सड़े-गले फल व बासी सब्जियों का उपयोग ना करें। गर्दन के पिछले भाग कान एवं सिर को गमछे या तौलिए से ढंक कर ही धूप में निकलें एवं रंगीन चश्में एवं छतरी का प्रयोग करें। गर्मी मे हमेशा पानी अधिक मात्रा मे पिएं एवं नींबू पानी, नारियल पानी, ज्यूस आदि का प्रयोग करें। लू-तापघात से प्राय: कुपोषित बच्चे, वृद्ध गर्भवती महिलाएं, श्रमिक आदि शीघ्र प्रभावित हो सकते हैं। इन्हें प्रात: 10 से शाम 6 बजे तक तेज गर्मी से बचाने के लिए छायादार ठण्डे स्थान पर रहने का प्रयास करें।
लू तापघात के लक्षण
शरीर में लवण व पानी अपर्याप्त होने पर विषम गर्म वातावरण में लू-तापघात का कई लक्षणों से पता लगाया जा सकता है। यदि ऐसे में सिर का भारीपन व सिरदर्द हो, अधिक प्यास लगना व शरीर में भारीपन के साथ थकावट लगे, तो लू-तापघात हो सकता है। इसके अलावा जी मिचलाना, सिर चकराना व शरीर का तापमान बढना, मुंह का लाल हो जाना व त्वचा का सूखा होना, बेहोशी लगना जैसी स्थिति होने पर लू-तापघात का प्रभाव हो सकता है।
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