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प्रतापगढ़

कांठल के गांव-शहर में बह रही धर्म की सरिता

religion flowing in Kanthal कांठल के गांव-शहर में बह रही धर्म की सरिता

प्रतापगढ़May 22, 2022 / 08:36 am

Devishankar Suthar

religion flowing in Kanthal कांठल के गांव-शहर में बह रही धर्म की सरिता

religion flowing in Kanthal कांठल के गांव-शहर में बह रही धर्म की सरिता

छोटीसादड़ी. साटोला गांव में कश्यप जोशी परिवार की ओर से नवनिर्मित मंदिर में भगवान जलेश्वर महादेव का तीन दिवसीय प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव हुआ। को शिव परिवार की प्रतिमाओं की स्थापना, ध्वजारोहण एवं कलशारोहण के साथ सम्पन्न हुआ। समारोह में बड़ी संख्या में विभिन्न समाजों के प्रतिनिधि एवं जन प्रतिनिधियों ने भागीदारी की। इससे पूर्व कलश यात्रा, हेमाद्री संकल्प, दश विधि स्नान के अलावा गणपति व मंडप पूजन आदि कर्म हुए। गुरुवार को स्थापित देवता पूजन व विभिन्न अधिवास, रुद्राभिषक का आयोजन हुआ।
नागदी में 24 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ के लिए भूमि पूजन
सालमगढ़. निकटवर्ती नागदी गांव में अखिल विश्व गायत्री परिवार द्वारा शान्तिकुंज हरिद्वार के तत्वावधान में व गायत्री शक्तिपीठ प्रतापगढ़ के सान्निध्य में 24 कुंडीय गायत्री महायज्ञ के लिए भूमिपूजन किया गया। यहां 27 मई से 29 मई तक शान्तिकुंज हरिद्वार से आए प्रतिनिधि मंडल द्वारा कार्यक्रम करवाया जाएगा। इसे लेकर नागदी गांव स्थित हनुमान मन्दिर प्रांगण में यज्ञ स्थल का भूमि पूजन किया गया। गायत्री यज्ञ किया गया। जिसमें पूरे क्षेत्र के गायत्री परिजनों ने हिस्सा लिया। इसके साथ ही तीन दिवसीय कार्यक्रम की तैयारियां पूरे उत्साह के साथ शुरू हो चुकी है। गायत्री परिवार के सुन्दरलाल चौधरी ने बताया कि 27 मई से आरम्भ होने वाले तीन दिवसीय कार्यक्रम में प्रथम दिन कलश.पूजन व देव पूजन किया जाएगा। द्वितीय दिवस 24 कुण्डीय गायत्री महायज्ञ व निशुल्क संस्कार करवाए जाएंगे। अन्तिम दिवस को गुरु.दीक्षा, गायत्री महायज्ञ. पूर्णाहुति व महाप्रसादी का आयोजन किया जाएगा।
कथा में कृष्ण रुक्मणी विवाह की झांकी सजाई
मोखमपुरा. निकटवर्ती गांव बसेरा में चारभुजा मंदिर परिसर में सात दिवसीय भागवत ज्ञान गंगा महोत्सव के छठे दिन शनिवार को कृष्ण रुक्मणी विवाह की झांकी सजाई गई। इस दौरान मंदिर पर कलश चढ़ाया गया।
कथावाचक पंडित माधव शास्त्री ने कृष्ण-रुक्मणी विवाह का मार्मिक झांकी का मंचन किया गया। वहीं सुबह से ही विधि विधान के साथ मूर्ति की स्थापना गोपाल कुमावत व कलश की स्थापना नाथूलाल कुमावत के द्वारा ध्वजा दंड की। बसन्तीलाल सेन द्वारा की गई। पूजा.अर्चना हुई। उन्होंने कहा कि मनुष्य जीवन में सदैव कन्यादान महादान है। जो कि मनुष्य अपने आप में सदैव सच्चे मन से जितना भी दान करते हैं। वह पुण्य के काम में आता है। मनुष्य जीवन में सदैव अच्छे मन से कार्य किया जाता है। वहीं जीवन में सफल होता है।
दलोट. सूर्यवंशी कुमावत समाज द्वारा राम जानकी मंदिर की 17 वीं वर्षगांठ पर आयोजित शिव महापुराण के तृतीय दिवस शिव-पार्वती की झांकी सजाई गई। इस दौरान कथावाचक पंडित दिनेश व्यास ने कहा कि मनुष्य को तन से संतुलित और मन से सागर जैसा होना चाहिए संसार की बुरी बातों से विचलित नहीं होना चाहिए। अगर आपको कोई गाली भी दे तो समझना चाहिए कि गाली देने वाला अपने खानदान का परिचय दे रहा है। उसके कुल में कैसे लोग हुए हैं। यह वह बता रहा है। शिव महापुराण में आज भगवान शिव पार्वती के विवाह का विस्तार से वर्णन किया गया एवं आयोजन कर्ताओं द्वारा जीवंत झांकी का प्रदर्शन किया गया। आज के युवा अपनी संस्कृति से भटक रहे हैं। वह अपने माता.पिता का उचित सम्मान नहीं करते हैं। उन्होंने कहा कि हमें भारतीय संस्कृति को बचाने के लिए अपने पूर्वजों की बातों को सुनना और उनसे ज्ञान प्राप्त करना चाहिए।

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