scriptनिखर उठे प्रकृति के नजारे, बुला रही है वादिया | The views of nature sparkled, the river is calling | Patrika News
प्रतापगढ़

निखर उठे प्रकृति के नजारे, बुला रही है वादिया

प्रतापगढ़. जिले में हाल ही में हुई बारिश के बाद प्राकृतिक स्थल निखर गए है। यहां हरयाली छाने लगी है। ऐसे में ये स्थान और भी आकर्षक हो गए है। जिले में अरावली की पर्वतमालाओं की वादियां भी खूबसूरत हो गर्ई है। ऐेसे में इन स्थानों पर रौनक बढ़ती जा रही है।

प्रतापगढ़Jul 23, 2021 / 07:27 am

Devishankar Suthar

निखर उठे प्रकृति के नजारे, बुला रही है वादिया

निखर उठे प्रकृति के नजारे, बुला रही है वादिया


प्रतापगढ़. जिले में हाल ही में हुई बारिश के बाद प्राकृतिक स्थल निखर गए है। यहां हरयाली छाने लगी है। ऐसे में ये स्थान और भी आकर्षक हो गए है। जिले में अरावली की पर्वतमालाओं की वादियां भी खूबसूरत हो गर्ई है। ऐेसे में इन स्थानों पर रौनक बढ़ती जा रही है।
निखरा गौतमेश्वर का नजारा
अरनोद. हाल ही में हुई बारिश के बाद निकटवर्ती प्रसिद्ध तीर्थ स्थल गौतमेश्वर का रूप निखर गया है। यहां गत दिनों बारिश के बाद हरियाली बढ़ गई है। इसके साथ ही पहाड़ों से पानी रिसने लगा है। जिससे वातावरण में ठंडक भी बढ़ गई है। यहां इसी वर्ष में सीढिय़ों का भी स्वरूप बदल गया है। जिससे नजारा और भी खूबसूरत हो गया है। यहां बारिश होने के समय झरने भी गिरने लग जाते है। पुजतारी प्रकाश पंडित और घनश्याम शर्मा ने बताया कि भगवान भोलेनाथ के दर्शन करने और प्राकृतिक नजारे का लुत्फ उठाने के लिए श्रद्धालु पहुंचने लगे है। पहाड़ से झरते पानी की मात्रा भी अब बढ़ गई है। वहीं पक्षियों की चहचहाट आदि से लोग आकर्षित हो रहे है।
अरनोद. निकटवर्ती गौतमेश्वर के वाल्मीकि आश्रम पर संत सम्मेलन का आयोजन राजस्थान आदिवासी संघ के जिलाध्यक्ष नाकुराम निनामा के मुख्य आतिथ में हुआ। अध्यक्षता प्रेमलाल राणा ने की। विशिष्ट अतिथि कल्याणसिंह, हरिराम खतोड़ी, रामचन्द्र कटारा अरनोद, भेरूलाल निनामा, शंकरलाल महुवाल, केशुराम बुज चिकट, कमजी भाई गौतमेश्वर रहे। शुरुआत में भगवा, सफेद व लाल रंग की ध्वजा फहराई गई। बैठक में अतिथियों ने अपने विचार व्यक्त किए। संतो द्वारा सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया कि आश्रम के निर्माण करने से पहले आवश्यक तैयारियां की जाएं। सभी कार्यकर्ताओं को निर्माण कार्य समिति के सदस्य बनाया जाएगा। निर्माणाधीन वाल्मिकी आश्रम की भूमि पर चुने से सीमा रेखा बनाई गई। गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी वागड़, मेवाड़, मालवा के साधु-संतों का सम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। जिसकी पूर्व तैयारी शुरु कर दी गई है। देव शयनी एकादशी होने के कारण भक्तो ने खीर बनाकर प्रसादी वितरित की। अगली बैठक इसी आश्रम पर 18 अगस्त को रखी जाएगी। कार्यक्रम का संचालन करूलाल मईडा आठिनेरा ने किया।
अच्छी बारिश की कामना को लेकर किया इंद्र हवन
स्वरूपगंज. क्षेत्र में कई दिनों से बारिश की अधिक कमी को देखते हुए भूमिपुत्रों के चेहरे पर चिंता की लकीरें साफ झलक रही हैं। ऐसे में रूठे इंद्रदेव को मनाने के लिए कई प्रकार के जतन किए जा रहे हैं। स्वरूपगंज पंचायत के गांव रामदेवजी मंदिर पर ग्रामवासी द्वारा क्षेत्र में अच्छी बारिश वह खुशहाली की कामना को लेकर गुरुवार को एक कुंडीय इंद्रहवन का आयोजन किया गया। हवन में मंत्रोच्चार द्वारा आहुतियां दी गई। हवन का कार्यक्रम सुबह से शाम तक चलता रहा। हवन समापन के बाद रामदेवजी को भोग लगाकर प्रसाद वितरित की गई। =–=-=-=
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