शहीद नारायणलाल सीआरपीफ में हैडकांस्टेबल थे। दोनों बच्चे सोमवार को प्रतापगढ़ पहुंचे। इसके बाद शर्मा दम्पती के साथ उन्होंने प्रतापगढ़ शहर में घूम कर दिन बिताया। बच्चों ने बताया कि वे सबसे पहले रोकडिय़ा हनुमान मंदिर गए, जहां दर्शन करने के बाद वे शहर के वुडलैंड पार्क गए। यहां मौज-मस्ती के बाद दीपेश्वर तालाब पर घूमे। वहीं मंगलवार शाम को मूवी देखने के साथ बाजार में मौज-मस्ती की।
पारिवारिक न्यायालय की न्यायाधीश आशा कुमारी शर्मा ने बताया कि बच्चों के लम्बे समय से हम बुला रहे थे। अब गर्मियों की छुटियों में यह हमारे पास आए है। हम अपने अच्छे मेहमानों की तरह इन्हें रखेंगे। उन्होंने बताया कि वे बच्चों के खेलेंगी। बच्चों से ढेर सारी बाते करेंगी। बच्चों के साथ समय बिताकर बहुत अच्छा लग रहा है। पहले दिन भी हमने बच्चों के साथ देर रात 11 बजे तक खूब मस्ती की।
जिला जज शर्मा ने बताया कि दोनों बच्चों को उनके पिता के शहीद के बाद हमने यहीं आकर रहने और पढ़ाईपूरी करने के लिए कहा था। लेकिन उनका अपने परिवार से जुड़ाव की वजह से वे यहां नहीं रह सके। अब दोनों बच्चे गर्मियों की छुटियों में हमारे पास आए हैं। हम उनका पूरा खयाल रख रहे हैं। पहले दिन इन्होनें घूमने में निकाला है। जिला जज शर्मा ने कहा, ‘शहीद के बच्चों को महसूस होना चाहिए कि देश की जनता उनके साथ है। उन्होंने बताया कि उन्होंने इसी हमले में शहीद हुए कोटा के हेमराज के बच्चों को भी यहां गर्मी की छुट्टियां बिताने के लिए बुलाया है। वे भी अगले एक दो दिन मे आ सकते हैं।