पुलिस चौकी और स्वास्थ्य केन्द्र
यहां परिसर में ही स्वास्थ्य केन्द्र भी खुलवा दिया है। जिससे यहां प्राथमिक उपचार की सुविधा मिल सके। इसके साथ ही यहां पुलिस चौकी भी खुलवा दी है।
डेढ़ लाख की लगात से लगाया आरओ
परिसर में पेयजल टंकियां बनी हुई है। लेकिन इनमें पानी की खपत होने पर दोपहर बाद समस्या हो जाती है।इसे देखते हुए परिसर में ही डेढ़ लाख रुपए की लागत से आरओ लगाया गया है। जिससे शुद्ध और शीतल पानी उपलब्ध हो सके।
परिसर में लगाए जाएंगे सौ पौधे
पर्यावरण के प्रति लगाव को देखते हुए यहां गत वर्ष भी पौधे लगाए गए थे। जो जीवित है। यहां मानसून में भी सौ पौधे लगाए जाएंगे।
ताकतवर के सामने गरीब की बात सुनी जाती है
यहां पत्रकार वार्ता में राजेन्द्रकुमार शर्मा ने कहा कि इस परिसर को हम उच्चतम न्यायालय की मंशा के अनुरूप बनाना चाहते है। जिसमें उच्चतम न्यायालय ने निर्णय में लिखा है कि कोर्ट परिसर मिट्टी, पत्थर की इमारत नहीं है। बल्कि वह जगह है जहां दबे, कुचले और पीडि़त व्यक्ति की बात को पूरी तरह से सुना जाता है। यहां सबसे ताकतवर व्यक्ति के सामने सबसे गरीब व्यक्ति को भी यह लगे कि कानून का भी राज है। यहां आमजन में मन में भरोसा उत्पन्न हो सके।
न्यायालय परिसर के बाहर न्याय की देवी मूर्ति
यहां न्यायालय परिसर के बाहर न्याय की देवी की मूर्ति लगाई गई है। इसे बार एसोसिएशन के सहयोग से लगाई गई है। इसके साथ ही यहां शहीद भगतसिंह की प्रतिमा भी लगाई जाएगी।
यहां परिसर में ही स्वास्थ्य केन्द्र भी खुलवा दिया है। जिससे यहां प्राथमिक उपचार की सुविधा मिल सके। इसके साथ ही यहां पुलिस चौकी भी खुलवा दी है।
डेढ़ लाख की लगात से लगाया आरओ
परिसर में पेयजल टंकियां बनी हुई है। लेकिन इनमें पानी की खपत होने पर दोपहर बाद समस्या हो जाती है।इसे देखते हुए परिसर में ही डेढ़ लाख रुपए की लागत से आरओ लगाया गया है। जिससे शुद्ध और शीतल पानी उपलब्ध हो सके।
परिसर में लगाए जाएंगे सौ पौधे
पर्यावरण के प्रति लगाव को देखते हुए यहां गत वर्ष भी पौधे लगाए गए थे। जो जीवित है। यहां मानसून में भी सौ पौधे लगाए जाएंगे।
ताकतवर के सामने गरीब की बात सुनी जाती है
यहां पत्रकार वार्ता में राजेन्द्रकुमार शर्मा ने कहा कि इस परिसर को हम उच्चतम न्यायालय की मंशा के अनुरूप बनाना चाहते है। जिसमें उच्चतम न्यायालय ने निर्णय में लिखा है कि कोर्ट परिसर मिट्टी, पत्थर की इमारत नहीं है। बल्कि वह जगह है जहां दबे, कुचले और पीडि़त व्यक्ति की बात को पूरी तरह से सुना जाता है। यहां सबसे ताकतवर व्यक्ति के सामने सबसे गरीब व्यक्ति को भी यह लगे कि कानून का भी राज है। यहां आमजन में मन में भरोसा उत्पन्न हो सके।
न्यायालय परिसर के बाहर न्याय की देवी मूर्ति
यहां न्यायालय परिसर के बाहर न्याय की देवी की मूर्ति लगाई गई है। इसे बार एसोसिएशन के सहयोग से लगाई गई है। इसके साथ ही यहां शहीद भगतसिंह की प्रतिमा भी लगाई जाएगी।