VIDEO: स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ी, साथ ही औषधीय पेय का चलन भी बढ़ा
शहर में जगह-जगह लगने लगी है हर्बल जूस की दुकानें
VIDEO: स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ी, साथ ही औषधीय पेय का चलन भी बढ़ा
प्रतापगढ़. भागदौड़ भरी जिन्दगी में बढ़ रही स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों के बीच शहर में हर्बल पेय पीने का चलन बढऩे लगा है। घरों में सुबह-सुबह करेला या आंवला आदि का ताजा जूस निकालन कर पीने लगे हैं, वहीं अब शहर में हर्बल पेय का मार्केट भी उभर रहा है। सामान्य जूस की दुकानों पर अब हर्बल जूस भी मिलने लगे हैं, वहीं शहर में कई जगह ताजा हर्बल जूस के ठेले भी लगने लगे हैं। डाइबिटीज, बीपी, त्वचा संबंधी बीमारियों में लोग ऐलोपैथिक चिकित्सा के साथ आयुर्वेदिक, योग और अन्य वैकल्पिक पद्धतियों का सहारा लेने लगे हैं। इन बीमारियों में देसी नुस्खे के रूप में आंवला, ऐलोवरा, नीम गिलोय, करेला, खीरा, लौकी आदि के ताजा जूस पीने की सलाह दी जाती है। इसे देखते हुए लोग दवाओं के साथ औषधीय रस पीने लगे हैं। ऐसे लोगों की तादात दिन पर दिन बढ़ रही है, जो घर में आंवला, करेला, खीरा आदि जूस निकाल कर पीते हैं। स्वास्थ्य के प्रति बढ़ती जागरूकता को देखते हुए अब बाजार में इन औषधीय तत्वों का ताजा जूस भी मिलने लगा है। शहर में नीमच नाके और जीरो माइल चौराहे आदि पर इस प्रकार के ठेले लगने लगे हैं, जो सुबह ताजा जूस देते हैं। सुविधा और समय की बजत को देखते हुए लोग भी अब पैक्ड जूस पीने की बजाय हाथोंहाथ बनाए गए जूस को पसंद करने लगे हैं। टैगोर पार्क के पास रहने वाले अशोक शर्मा का कहना था कि वे घर पर नियमित रूप से सुबह आंवले का जूस पीते हैं। इसके लिए पहले वे बाजार से आंवले का तैयार पैक्ड जूस लाते थे, अब जब से बाहर ताजा जूस मिलने लगा है, वे बाहर जाकर पीने लगे हैं। नीमच नाके पर हर्बल जूस तैयार करने वाले राहुल माली ने बताया कि वे आंवला, करेला, एलोवेरा और नीम गिलोय का जूस प्रतिदिन सुबह जल्दी उठकर तैयार करते हैं। राहुल ने बताया कि अब लोगों में हर्बल जूस के प्रति जागरूकता आई है और वे नियमित रूप से जूस पीने आते हैं। यहां जूस पीने आए मुकेश ने बताया कि वह नियमित रूप से यहां आकर आंवले और एलोवेरा का जूस पीते हैं। पहले उसे थकान रहती थी तथा पेट भी खराब रहता था। एकमाह से ये जूस पीने के बाद स्वास्थ्य में काफी सुधार हुआ है।
आयुर्वेद में ताजा स्वरस का ही विधान है
&आंवला हो या अन्य कोई स्वरस, आयुर्वेद में ताजा निकालकर पीने को ही श्रेष्ठ माना गया है। आजकल भागदौड़ भरी जिन्दगी में लोगों के पास समय नहीं है, इसलिए पैक्ड जूस भी आने लगा है। लेकिन यदि ताजा निकाला हुआ स्वरस उपलब्ध हो तो वह ज्यादा अच्छा है।
डॉ मुकेश शर्मा, आयुर्वेद चिकित्सक, राजकीय आयुर्वेद चिकित्सालय, प्रतापगढ़
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