scriptशुरुआत में ही मौसम की मार, जिले में काले सोने पर गहराने लगा संकट | Weather hit in the beginning, black gold in the district was deepening | Patrika News
प्रतापगढ़

शुरुआत में ही मौसम की मार, जिले में काले सोने पर गहराने लगा संकट

प्रतापगढ़. जिले में एक तरफ तो अफीम की फसल में डोडों से दूध संग्रहण का कार्य शुरू हो गया है। छोटीसादड़ी इलाके में तो करीबन सभी किसानों ने अफीम संग्रहण का कार्य शुरू कर दिया है। वहीं अरनोद और प्रतापगढ़ इलाके में भी किसानों की ओर से डोडों से अफीम दूध संग्रहण का कार्य शुरू किया जा रहा है। जबकि दूसरी ओर इन दिनों प्रकृति में रोजाना हो रहे बदलाव के कारण किसानों की चिंता बढ़ती जा रही है।इससे अफीम उत्पादन पर भी असर पडऩे की संभावना है।

प्रतापगढ़Feb 23, 2020 / 01:27 pm

Devishankar Suthar

शुरुआत में ही मौसम की मार, जिले में काले सोने पर गहराने लगा संकट

शुरुआत में ही मौसम की मार, जिले में काले सोने पर गहराने लगा संकट


कांठल में मौसम पलटने से किसानों की बढ़ी चिंता

प्रकृति का होने लगा प्रकोप
तेज हवा से नुकसान की आशंका
प्रतापगढ़. जिले में एक तरफ तो अफीम की फसल में डोडों से दूध संग्रहण का कार्य शुरू हो गया है। छोटीसादड़ी इलाके में तो करीबन सभी किसानों ने अफीम संग्रहण का कार्य शुरू कर दिया है। वहीं अरनोद और प्रतापगढ़ इलाके में भी किसानों की ओर से डोडों से अफीम दूध संग्रहण का कार्य शुरू किया जा रहा है। जबकि दूसरी ओर इन दिनों प्रकृति में रोजाना हो रहे बदलाव के कारण किसानों की चिंता बढ़ती जा रही है।इससे अफीम उत्पादन पर भी असर पडऩे की संभावना है।
इन दिनों तापमान में उतार-चढ़ाव लगातार हो रहा है। वहीं गत कुछ दिनों से हवा भी तेज चल रही है। इससे अफीम किसानों की परेशानी बढ़ गई है। तेज हवा के कारण जहां अफीम की फसल आड़ी होने लगी है। वहीं अचानक तापमान बढ़ गया है। जिससे दूध की मात्रा कम निकल रही है। गौरतलब है कि जिले में इस वर्षनारकोटिक्स विभाग की ओर से छोटीसादड़ी, प्रतापगढ़, अरनोद और पीपलखूंट में कुल ७ हजार ८९० किसानों को लाइसेंस दिए गए है।इन किसानों ने बुवाई की है।
बाद में मिले लाइसेंस, फसलें छोटी
इस वर्ष अफीम नीति में संशोधन किया गया है।इसके बाद जिले में ५४९ किसानों को लाइसेंस दिए गए है। इन किसानों को ६-६ आरी के लाइसेंस दिए गए है। लेकिन बाद में लाइसेंस मिलने पर बुवाई की गईहै। ऐसे में फसल भी छोटी है। जिससे अफीम का उत्पादन होने की संभावना नहीं है। इसे लेकर किसान पशोपेश में है।
मोखमपुरा. क्षेत्र में अफीम के डोडों से दूध का संग्रहण कार्य शुरू हो गया है। लेकिन हवा तेज होने के कारण पौधों से दूध गिरने का डर सता रहा है। ऐेसे में किसानों ने इसके लिए जतन शुरू किए है। तेज हवा से अफीम के पौधे को आड़े होने से बचाने के लिए बांध रहे है। डोरियों और रस्सी से खेत को चारों तरफसे बांधा जा रहा है। वहीं पौधों को भी समूह में बांधा जा रहा है। जिससे पौधों से दूध गिरने से बचाया जा सके।
अरनोद. क्षेत्रमें किसानों ने डोडों पर चीरा लगाना शुरू कर दिया है। किसान खेतों पर डेरा डाला है।
इस वर्ष जिले में यह है स्थिति
तहसील लाइसेंस
छोटीसादड़ी ३६४५
अरनोद ९०३
प्रतापगढ़ ३३४०
पीपलखूंट ४
कुल ७८९०
(आंकड़े नारकोटिक्स विभाग के अनुसार)
हवा से पौधे आड़े हुए
थड़ा. क्षेत्र में तेज हवा से किसानों की चिंता बढ़ गई है।हवा तेज होने से अफीम के पौधे आड़े हो गए है।जिन किसानों ने डोडों पर चीरा लगा दिया है।उन किसानों की चिंता बढ़ गई है। डोडों से दूध गिरने कस डर सता रहा है।इसके लिए पौधों की सुरक्षा करने में किसान जुटे हुए है।
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