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प्रतापगढ़

मौसम की मार, अजवाइन हुई खराब

प्रतापगढ़. कांठल में मसाला फसलों में मुख्य रूप से बोई जाने वाली अजवाइन की फसल पर इस बार मौसम की मार पड़ गई है। इसका कारण यह है कि सि समय अजवाइन की फसल पककर तैयार हो गई थी। उसी दौरान मावठ और शीतलहर का दौर चला। जिससे फसल खराब हो गई है। ऐसे में अजवाइन उत्पादक किसानें के मुहं को आया निवाला छीन गया है।

प्रतापगढ़Jan 18, 2021 / 08:34 am

Devishankar Suthar

मौसम की मार, अजवाइन हुई खराब

मौसम की मार, अजवाइन हुई खराब


-जिले में मसाला फसलों में प्रमुख है अजवाइन
-किसानों में मायूसी
प्रतापगढ़. कांठल में मसाला फसलों में मुख्य रूप से बोई जाने वाली अजवाइन की फसल पर इस बार मौसम की मार पड़ गई है। इसका कारण यह है कि सि समय अजवाइन की फसल पककर तैयार हो गई थी। उसी दौरान मावठ और शीतलहर का दौर चला। जिससे फसल खराब हो गई है। ऐसे में अजवाइन उत्पादक किसानें के मुहं को आया निवाला छीन गया है।
गौरतलब है कि जिले में मसाला फसलों में मुख्य रूप से बोई जानी वाली फसल अजवाइन है। जिले में इस वर्ष करीब एक हजार हैक्टेयर इलाके में अजवाइन की फसल बोई गई थी। इस वर्ष फसल भी अच्छी अवस्था में थी। जिससे किसान भी संतुष्ट दिख रहे थे। लेकिन फसल पककर तैयार होने के समय ही मावठ की दो बार बारिश हो गई। जिससे फसल खराब हो गई। जिसे किसानों के मुंह को आया निवाला छीन गया है।
भावों भी भारी उछाल
इस वर्ष फसल खराब हो गई है। जबकि यहां के अजवाइन की मांग अधिक है। ऐसे में भावों में भी उछाल है। इन दिनों मंडी में अजवाइन के भाव नौ हजार से 17 हजार रुपए प्रति क्विंटल तक बोले जा रहे है। मंडी के अजवाइन व्यापारी जगदीश सोढानी का कहना है कि प्रतापगढ़ जिले में अजावइन की फसल गुणवत्ता में श्रेष्ठ होती है। जिससे यहां के अजवाइन की मांग देशभर में अधिक रहती है। लेकिन इस वर्ष मावठ के कारण फसल खराब हो गई है। जिससे अब पूर्ति नहीं हो पा रही है।
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जिले में यह है मसाला फसलों बुवाई का आंकड़ा
फसल बुवाई
अजवाइन 1050
मैथी 7120
इसबगोल 940
लहसुन 9240
धनिया 120
जीरा 85
-=- जलोदिया केलूखेड़ा में भागवत कथा शुरू
पहले दिन निकाली कलश व पौथी यात्रा
छोटीसादड़ी.
निकटवर्ती जलोदिया केलूखेड़ा में सात दिवसीय भागवत ज्ञान गंगा महोत्सव का आयोजन आमली बावजी मंदिर प्रांगण पर रविवार से शुरू हुआ। इससे पूर्व ग्रामवासियों द्वारा कलश एवं पौथी यात्रा निकालकर कथा स्थल पर पहुंचे। भागवत ज्ञानगंगा महोत्सव में चारभुजानाथ मंदिर से ढोल-ढमाको के मंगल कलश एवं पौथी यात्रा शुरू हुई। जो बोड़ी माता, गायरी मोहल्ल, सुथारों का मोहल्ला, ब्राम्हण मोहल्ला से परिभ्रमण करते हुई आमली बावजी मंदिर कथा पांडाल में पहुंची। समाज सेवी मन्नालाल रावत अपने सिर पर पौथी धारण कर चल रहे थे। कलश एवं पौथी यात्रा में सांवलिया की प्रतिमा विमान में विराजमान किए हुए थी। समाजसेवी बंसतीलाल जाट, लालचंद जाट, जगदीश जाट, भेरूलाल जाट, रामस्वरूप जाट, राकेश जाट, राहुल जाट, मनोहर जाट, अजीत जाट, राकेश रावत, नारायण बैरागी, नंदलाल पंडित, गेंदमल जाट आदि मौजूद थे। भागवत कथा का वाचन पंडित पूरणदास बैरागी ने किया। भागवत ज्ञानगंगा प्रवचन सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक हो रहे हैं।
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